अब शादी में खाना बर्बाद करना आपको पड़ सकता है भारी, लगेगा 5 लाख का जुर्माना
कई गैर सरकारी संगठन होटल-रेस्तरां और शादीघरों से बचा हुआ खाना लेकर गरीबों में बांटने का काम कर रहे हैं लेकिन इस खाने की गुणवत्ता को लेकर कोई मानक नहीं है.
नई दिल्ली:
ग्रैंड वेडिंग की चाहत आजकल हर कोई रखता है, जहां खाने से लेकर सजावट तक सभी आलीशान होते है. समाज को दिखाने के लिए शान-शौकत से शादी का चलन शुरू से रहा है. इन शादियों में पैसों की बर्बादी तो होती ही है लेकिन सबसे ज्यादा खाने को भी बर्बाद किया जाता है. वहीं शादियों के अलावा अधिकत्तर बड़े-बड़े होटल और रेस्टोरेंट में भी बचे खाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं. ऐेसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एंव मानक प्राधिकरण (FSSI) ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है. जिसे जल्द ही मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेजा जाएगा. इस मसौदे के मुताबिक, खाना बर्बाद करने वाले होटल, रेस्तरां और शादीघरों पर पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा.
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नियमन की जरूरत क्यों
सूत्रों ने बताया कि होटल और रेस्टोरेंट से लेकर शादी-ब्याह में खाने की बर्बादी आम बात है. बचे हुए खाने को कहां और कैसे इस्तेमाल करना है इसकी जानकारी ज्यादातक लोगों को नहीं होता है. इसके साथ ही न वो खाने की बर्बादी को रोकने के लिए कोई पहल करना चाहते है. इसी की वजह से अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एंव मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) ने बचे हुए खाने के इस्तेमाल को लेकर एक नियमन लेकर आने वाले हैं.
खाने की क्वालिटी पर विशेष ध्यान
सूत्रों के मुताबिक, कई गैर सरकारी संगठन होटल-रेस्तरां और शादीघरों से बचा हुआ खाना लेकर गरीबों में बांटने का काम कर रहे हैं लेकिन इस खाने की गुणवत्ता को लेकर कोई मानक नहीं है. नए मसौदे में इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया गया है. मसौदे के अनुसार, सभी राज्यों में खाद्य आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनेगी. यह समिति दान में दिए गए भोजन की निगरानी करेगी और व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव देगी.
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एफएसएसएआई में कराना होगा पंजीकरण
नई व्यवस्था के तहत होटल, रेस्तरां व शादी घरों के संचालकों को एफएसएसएआई की वेबसाइट पर पंजीकृत किया जाएगा. वहीं खाना बांटने के लिए एनजीओ अधिकृत किए जाएंगे.
बरतनी होगी ये सावधानियां
- खाने पर एक्सपायरी डेट, शाकाहारी या मांसाहार जैसी जानकारियां लिखनी होगी.
- बचे हुए खाने को अच्छे से पैक कर सात डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना जरूरी होगा.
- दानकर्ता और दान लेने वाली संस्था को हर पैक के वितरण का रजिस्टर रखना अनिवार्य होगा.
- बचे हुए खाने में हाइजिन और सफाई का खास ध्यान रखना होगा.
- खाना पैकेज्ड है तो उस पर असली लेबल होना चाहिए.
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आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल देश में 6.7 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. ये आंकड़ें याद रखिए और अगली बार खाना बर्बाद करने से पहले सोचिएगा कि न जाने कितने लोग रोज रात भूखे सोते है. तो पहल करीए और खाने की बर्बादी होने से बचाइग, उसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाएं.
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