नहीं चलेगी बहुओं की मनमानी, कार्रवाई के लिए लें इस कानून का सहारा
बहू के अत्याचार को अब सहने की जरूरत नहीं है, इससे बचने के लिए कानून मौजूद हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुकुंदपुर में आठ महीने पहले मनीष की शादी नीरू से हुई. नीरू ने शादी के तुरंत बाद अपने सास, ससुर की संपत्ति में हिस्सा देने की धमकी देनी शुरू कर दी. हिस्सा नहीं मिलने पर दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी जाने लगी. यह अपनी तरह का पहला मामला नहीं है, जहां पीड़ित ससुराल पक्ष वाले हैं.
फैसले से परिवार को मिली राहत
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने हाल के फैसले में साफतौर पर कहा है कि सास, ससुर की संपत्ति में बहू का हक नहीं है. यह फैसला मनीष और उसके मां-बाप की तरह उन कई निर्दोष परिवारों के लिए राहत लेकर आया है.
ये है कोर्ट की बात का मतलब
इस मुद्दे को और समझाते हुए वकील गीता शर्मा ने कहा, "सास, ससुर की चल या अचल किसी भी तरह की संपत्ति में बहू का कोई हक नहीं है. भले ही वह पैतृक हो या खुद अर्जित की गई हो. बुजुर्ग दंपति की खुद से अर्जित की गई संपत्ति पर बेटे का हक भी नहीं बनता तो बहू का हक होना तो बहुत दूर की बात है."
और पढ़ें : ये है घर बैठे MF में investment का तरीका, 1000 रु महीना बन सकता है 1 करोड़ रु
सख्त हैं प्रावधान
बुजुर्ग माता-पिता के कानूनी अधिकारों के बारे में वह कहती हैं, "कानून से इन्हें कई तरह के अधिकार मिले हुए हैं. संपत्ति या अन्य कारणों से बेटे या बहू के द्वारा प्रताड़ित किया जाना या घर से निकालना अपराध है, अब तक इस तरह के मामलों के लिए सख्त प्रावधान है."
अब डरने की जरूरत नहीं
मनीष के पिता ने बहू की प्रताड़ना से तंग आकर दैनिक अखबार में विज्ञापन देकर अपने बेटे और बहू को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है. इस पर कानूनी विशेषज्ञ शेफाली कांत कहती हैं, "देखिए, मुझे लगता है कि उन्होंने अपनी सुरक्षा और भविष्य को देखकर कदम उठाया है, लेकिन इसमें डरने की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि अगर बेटा या बहू ने धोखे या डरा-धमकाकर संपत्ति अपने नाम भी लेते हैं तो यह कानूनन अवैध होगा. कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है. इस तरह से संपत्ति से बेदखल करना इतना आसान नहीं है." वह कहती हैं कि वरिष्ठ नागरिक संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत मां-बाप कानून की शरण में जा सकते हैं.
और पढ़ें : बिना नौकरी बच्चे को होने लगेगी 50 हजार की रेग्युलर इनकम, ऐसे करें प्लानिंग
हो सकती है कार्रवाई
लेकिन सवाल यह है कि कानून की आड़ में परिवार को परेशान करने वाली बेटियों और बहुओं पर शिकंजा कसने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं? इसका जवाब देते हुए वकील गीता शर्मा कहती हैं, "मजिस्ट्रेट या फैमिली कोर्ट में अपील की जा सकती है. बहुओं पर उत्पीड़न या प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया जा सकता है. ऐसा नहीं है कि कानून में सिर्फ महिलाओं को ही अधिकार दिए गए हैं. वरिष्ठ मां-बाप और पीड़ित परिवार वालों को भी अधिकार दिए गए हैं, बस जरूरत है कि वे अपने अधिकारों को जानें, बहू केस कर देगी, यह सोचकर प्रताड़ित होना ही गलत है." वह कहती हैं, "कानून सभी के लिए समान है, अगर कोई पीड़ित है तो उसे इंसाफ मिलना चाहिए लेकिन इंसाफ लेने के लिए आपको कानूनी रूप से जागरूक भी होना पड़ेगा."
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय