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पाकिस्तानी ड्रोन का पता नहीं लगाए जाने पर आईबी ने उठाए सवाल

रिपोर्ट में कहा गया है, "वे अपने ऑपरेशन क्षेत्र में किसी भी ड्रोन गतिविधि की उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम क्यों नहीं हैं?"

Updated on: 10 Oct 2019, 09:38 PM

नई दिल्‍ली:

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने गुरुवार को गृह मंत्रालय (Home Ministry) को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पाकिस्तान (Pakistan) से हथियार (Weappon) लेकर आ रहे ड्रोन (Drone) का पता नहीं लगा पाने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की विफलता पर सवाल उठाए गए हैं. आईबी की रिपोर्ट में ड्रोन का पता लगाने के लिए दोनों फोर्स की क्षमताओं पर सवाल उठाया गया है.  रिपोर्ट में कहा गया है, "वे अपने ऑपरेशन क्षेत्र में किसी भी ड्रोन गतिविधि की उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम क्यों नहीं हैं?"

रिपोर्ट में कहा गया है कि बरामद ड्रोन चीन निर्मित हैं और इनके पीछे 'पाकिस्तानी स्टेट एक्टर्स' हैं. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी ड्रोन (Pakistani Drone) द्वारा औसतन 10 किग्रा विस्फोटक (10 KG Explosive), हथियार या संचार के साधनों (Medium of Communication) की तस्करी की गई. जो खेप भारत में तस्करी की गई थी, वह जम्मू-कश्मीर में छिपे आतंकवादियों के लिए थी. गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को निर्देश दिया है. मंत्रालय से औपचारिक पत्र मिलने के बाद एजेंसी एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करेगी.

दो दिन पहले एक पाकिस्तानी ड्रोन (Pakistani Drone) को पंजाब में हुसैनीवाला क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान सीमा (Indo-Pak Border) के साथ लगते भारतीय क्षेत्र के दो गांवों के ऊपर से उड़ान भरते हुए देखा गया था. दो दिनों में इस तरह की यह दूसरी घटना थी. ग्रामीणों ने ड्रोन की तस्वीरों को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया था. इन्हें पहले हजारासिंह वाला गांव में और इसके बाद तेंदीवाला गांव में ड्रोन देखे गए थे. इससे पहले एक पाकिस्तानी ड्रोन को इसी सप्ताह सोमवार की रात को उसी क्षेत्र में तीन बार देखा गया था.

पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने पिछले एक महीने में बरामद किए गए दो ड्रोन से सीमा पार से भारत में तस्करी कर लाई गई हथियारों की खेप के लिए पहले ही विस्तृत जांच शुरू कर दी है. पुलिस तरनतारन जिले के झबल कस्बे में पिछले महीने स्पॉट किए गए ड्रोन की जांच कर रही है. अब तक की जांच से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी समूह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद अगस्त से ही हथियारों की तस्करी में लगे हुए हैं. बरामद किए गए दोनों ड्रोन जाहिरा तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े विभिन्न आतंकी समूहों द्वारा भेजे गए थे.