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सावधान पाकिस्‍तान (Pakistan) ! अगले महीने आ रहा है राफेल (Rafale) का पहला बेड़ा

सावधान पाकिस्‍तान! अगले महीने आ रहा है राफेल का पहला बेड़ा

Updated on: 20 Aug 2019, 01:11 PM

highlights

  • रणनीतिक और लंबी दूरी पर लक्ष्य साधने की क्षमता प्रदान करेगा राफेल
  • एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने राफेल को बताया था गेम चेंजर
  • बालाकोट पर हमले के समय राफेल होता तो परिणाम और भी भयानक होते 

नई दिल्ली:

अमेरिका के एफ-16 (F-16) के बल पर कूद रहे पाकिस्‍तान (Pakistan) के लिए अब बुरी खबर है. अगले महीने ही यानी सितंबर में फांसीसी राफेल फाइटर जेट (Rafale) के 4 विमानों का बेड़ा भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) में शामिल होने के लिए आ रहा है. दसौ एविएशन (Dasault Aviation) द्वारा निर्मित यह विमान मिसाइलों से सुसज्जित होगा, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर तक होगी. राफेल लड़ाकू विमान (Rafale) हासिल होने के बाद अगले साल से पहले लड़ाकू जेट विमानों का व्‍यापक परीक्षक शुरू किया जाएगा. अधिकारियों और तकनीशियनों के पहले बैच का प्रशिक्षण फ्रांसीसी वायु सेना के साथ पहले से ही चल रहा है.

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रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने इससे पहले कहा था कि राफेल (Rafale) विमान भारतीय वायु सेना को रणनीतिक और लंबी दूरी पर लक्ष्य साधने की क्षमता प्रदान करेगा. भारत ने दो इंजनों वाले 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस से एक समझौता किया था, जो परमाणु वारहेड को भी पहुंचाने में सक्षम है. भारतीय वायुसेना ने राफेल को पाकिस्तान और चीन के मोर्चे पर तैनात करने का फैसला किया है.

पिछले साल एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने राफेल और रूसी एस -400 मिसाइल रक्षा प्रणाली को भारत की सुरक्षा प्रणाली के लिए "गेम-चेंजर" बताया था. इस साल फरवरी में भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 का इस्तेमाल पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंपों को ध्‍वस्‍त करने के लिए किया था. अब उन्‍नत राफेल के आ जाने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता और बढ़ जाएगी. बालाकोट पर हमले के दौरान भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा था कि अगर भारत के पास राफेल होता, तो पाकिस्‍तान के लिए परिणाम और भी भयानक हो सकते थे.

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छठे गरुण अभ्‍यास के बाद भारतीय पायलटों ने राफेल को अद्भुत और बहुत आरामदायक बताया था. पायलटों का कहना था कि इसका इंटरफेस बहुत अच्छा है, जो उड़ान को सुगम बनाता है. गरुण अभ्‍यास के दौरान युद्धाभ्यास के दौरान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्वयं राफेल लड़ाकू विमान भी उड़ाया था.

फ्रांस में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा का कहना था कि यह युद्धाभ्यास दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया का कहना था कि युद्धाभ्यास के दौरान हमारे पायलटों ने करीब 400 घंटे की उड़ान भरी. इसमें से 100 घंटे जहां भारतीय विमान में वहीं 300 घंटे फ्रांसीसी विमान में उड़ान भरी.

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अभ्यास के दौरान राफेल और सुखोई-30 ने एक साथ जुगलबंदी भी की थी. एक जुलाई से 12 जुलाई तक चला छठा गरुड़ अभ्यास दोनों देशों के बीच एक सामरिक अभ्यास था, जिसका उद्देश्य आसमान के साथ-साथ जमीनी हमले में फ्रांसीसी और भारतीय रक्षा दल के बीच समन्वय को बढ़ाना था.