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दुश्मन को निशाना बनाना होगा आसान, भारतीय वायु सेना ने स्वदेशी तकनीक से बने एंटी एयरक्राफ्ट बम और एंटी टैंक मिसाइल का किया सफल परीक्षण

इंडियन एयरफोर्स ने यह परीक्षण रविवार को राजस्थान के चंदन टेस्टिंग रेंज में किया जहां गाइडेट बम ने पूरी क्षमता के साथ लक्ष्य बर्बाद कर दिया।

Updated on: 20 Aug 2018, 08:38 AM

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी तकनीक से बनी एक ऐसे गाइडेड बम (लक्ष्य भेदी) का सफल परीक्षण किया है जो दुश्मन के किसी भी लड़ाकू जेट को मार गिराने में पूरी तरफ सक्षम है। इंडियन एयरफोर्स ने यह परीक्षण रविवार को राजस्थान के चंदन टेस्टिंग रेंज में किया जहां गाइडेट बम ने पूरी क्षमता के साथ लक्ष्य को खत्म कर दिया।वहीं दूसरी तरफ हवा से जमीन पर निशाना लगाने वाले स्वदेशी तकनीक से बने हेलिन एंटी टैंक मिसाइल का भी रविवार को सफल परीक्षण पोखरण रेंज में किया गया है।

इस एंटी टैंक मिसाइल को स्वदेशी तकनीक से ही बने हेलिकॉप्टर के जरिए फायर किया गया जिसने लक्ष्य को आसानी और पूरी सटीकता के साथ भेद दिया। इस एंटी टैंक मिसाइल का इस्तेमाल हेलिकॉप्टर के जरिए दुश्मन के टैंक को तबाह और बर्बाद करने के लिए भी किया जा सकता है।

इससे पहले अप्रैल महीने में वायु सेना ने 'गगन शक्ति 2018' नाम से सैन्य अभ्यास ने भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत का शक्ति प्रदर्शन किया। युद्धाभ्यास के तहत सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट को चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट पर उतारा। लड़ाकू जेट की गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा। एयरफोर्स के सबसे बड़े मालवाहक विमान सी- 17 ग्‍लोबमास्‍टर ने भी युद्धाभ्यास के दौरान लैंडिंग की।

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सुखोई विमानों और एमआई- 17 हेलीकॉप्‍टरों ने असम के डीएम रेंज में मिसाइल फायर किए और बम गिराए। दुश्मनों के नापाक इरादों को विफल करने के लिए भारतीय वायुसेना तैयारियों को परख रही है।

भारतीय वायुसेना युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए 1100 से ज्यादा लड़ाकू, परिवहन और रोटरी विंग (हेलिकॉप्टर) एयरक्राफ्ट को इस अभ्यास में शामिल किया।

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युद्ध की स्थिती में तीनों सेनाएं मिलकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सकें, इसके लिए इस बड़े अभ्यास में सेना और नौसेना को भी शामिल किया गया।