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मैं एनसीपी में था और एनसीपी में ही रहूंगा, घर वापसी पर बोले 'विद्रोही' अजित पवार

अजित पवार ने मीडिया के कुरेदने पर लगभग झुंझलाते होते हुए कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि वह एनसीपी में थे, हैं और रहेंगे.

Updated on: 27 Nov 2019, 12:03 PM

highlights

  • अजित पवार ने कहा वह पहले भी एनसीपी के साथ थे, हैं और रहेंगे.
  • महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान पत्रकारों पर झुझलाए जूनियर पवार.
  • सुप्रिया सुले ने भी किया गले लगाकर 'विद्रोही' अजित पवार का स्वागत.

Mumbai:

महाराष्ट्र सियासी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले तक एनसीपी के एक धड़े के समर्थन से बीजेपी के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार बना रहे अजित पवार ने अंततः इस्तीफा देकर मंगलवार को 'घर वापसी' कर ली. बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने जब वह विधान भवन पहुंचे तो एनसीपी सांसद और पवार कुनबे की उत्तराधिकारी मानी जा रही सुप्रिया सुले ने गले लगाकर उनका स्वागत किया. इसके बाद अजित पवार ने मीडिया के कुरेदने पर लगभग झुंझलाते होते हुए कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि वह एनसीपी में थे, हैं और रहेंगे.

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पहले भी ट्वीट कर कही थी यह बात
गौरतलब है कि शनिवार को अप्रत्याशित घटनाक्रम में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सूबे में दोबारा बनने जा रही सरकार को एनसीपी के अजित पवार ने समर्थन दे दिया था. उसके बाद ही इन कयासों का दौर शुरू हो गया था कि एनसीपी में सुप्रिया सुले और रोहित पवार के बढ़ते वर्चस्व से वह खुद को हाशिये पर मान रहे थे और इसी कारण उन्होंने देवेंद्र फडणवीस सरकार को समर्थन देकर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाहिर कर दी थी. इस सियासी भूकंप के बीच ही अजित पवार ने एक ट्वीट भी किया था कि वह एनसीपी में थे, हैं और रहेंगे. इसके साथ ही ट्वीट में उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व पर भी विश्वास जताया था. हालांकि तब राजनीतिक घटनाक्रम के तहत उनके बयान के अलग मायने लगाए थे.

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वापसी के प्रयास जारी रहे
इसके बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश आ गया, जिसमें देवेंद्र फडणवीस को 27 नवंबर तक फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने को कहा गया. इसके बाद सबसे पहले डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने वाले अजित पवार ने इस्तीफा दिया और उसके बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने. शनिवार से लेकर मंगलवार दोपहर तक सियासी नाटक में अगर कुछ लोगों ने अजित पवार को 'पीठ में छुरा घोंपने' और 'विश्वासघाती' बताया, तो ऐसे एनसीपी नेताओं की संख्या भी कम नहीं रही जो उनकी वापसी के प्रयास करते रहे.

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सुप्रिया सुने ने भी किया 'माफ'
मंगलवार शाम को शरद पवार से मुलाकात के बाद यह तय हो गया था कि अजित पवार ने 'हार मानते हुए' घर वापसी की राह पकड़ ली है. बुधवार को भी विधान सभा का विशेष सत्र शुरू होने पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने विधान भवन में अजित पवार का गले लगाकर स्वागत किया. साथ ही बयान भी दिया कि दादा (अजित पवार) से उनका कभी कोई मतभेद या अलगाव नहीं था. इसके साथ ही सुप्रिया सुले ने आशा जताई की अजित पवार पार्टी को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देते रहेंगे.

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पत्रकारों के सामने फूट पड़े अजित पवार
हालांकि यह कयास लगते रहे कि अजित पवार के साथ एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार क्या रवैया अख्तियार करते हैं. ऐसे में बुधवार को महाराष्ट्र विभान भवन में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान अजित पवार को पत्रकारों ने कुरेदा, तो वह फूट पड़े. उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा से कहते आया हूं कि मैं एनसीपी में था और रहूंगा. क्या मुझे पार्टी से निष्कासित किया गया है? क्या आपने इस तरह की बात कही सुनी या पढ़ी है? मैं अभी भी एनसीपी के साथ ही हूं.' इसके पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक भी कह चुके हैं कि शरद पवार ने अजित पवार को माफ कर दिया है और एनसीपी में उनका पद और कद दोनों ही बरकरार है.