दिल्ली के प्रदूषण को कम करने आ रहीं हाइड्रोजन सीएनजी बसें, पायलट प्रोजेक्ट लांच
गुरुवार को पहले हाइड्रोजन सीएनजी पंप का भूमि पूजन दिल्ली राजघाट बस डिपो में किया गया. इस प्रोजेक्ट की खासियत यही है कि हाइड्रोजन सीएनजी के लिए दिल्ली के विद्यमान सीएनजी पंपों में भी किसी तरह का बदलाव भी नहीं करना पड़ेगा.
highlights
- गुरुवार को पहले हाइड्रोजन सीएनजी पंप का भूमि पूजन दिल्ली राजघाट बस डिपो में किया गया.
- 50 बीएस-4 सीएनजी बसों में ये ईंधन भरकर रिसर्च की जाएगी.
- यह प्रोजेक्ट बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सही समय पर सही दिशा में उठा कदम है.
नई दिल्ली.:
अब जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर हाइड्रोजन सीएनजी की बसें चलती नज़र आएंगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह कदम उठाया जाएगा. गुरुवार को पहले हाइड्रोजन सीएनजी पंप का भूमि पूजन दिल्ली राजघाट बस डिपो में किया गया. इस प्रोजेक्ट की खासियत यही है कि हाइड्रोजन सीएनजी के लिए दिल्ली के विद्यमान सीएनजी पंपों में भी किसी तरह का बदलाव भी नहीं करना पड़ेगा. इस अवसर पर इप्का के अध्यक्ष भूरे लाल, गेल के चेयरमैन बीसी त्रिपाठी, इंडियन ऑयल कॉर्प के चेयरमैन संजीव सिंह मौजूद रहे.
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बीएस-4 बसों में देखा जाएगा इसका असर
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इंडियन ऑयल और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने संयुक्त रूप से हाइड्रोजन सीएनजी पर स्टडी करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सेमी कॉमर्शियल प्लांट लगाने का फैसला किया है. इसके तहत 50 बीएस-4 सीएनजी बसों में ये ईंधन भरकर रिसर्च की जाएगी. इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के मुताबिक यह प्लांट नवंबर तक शुरू हो जाएगा और इसके 6 महीने के प्रदर्शन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी.
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सही समय पर सही दिशा में कदम
इंडियन ऑयल और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड साथ मिल कर इसे चलाएंगे. पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो ये प्रोजेक्ट बढ़ते प्रदूषण को कम करने में कारगार होगा. पर्यावरण को लेकर बनाई गई कमेटी में शामिल इप्का के चेयरमैन भूरेलाल की मानें तो जब देश की राजधानी दिल्ली में डीजल वाहन चलते थे, उस वक्त सीएनजी आने से दिल्ली के प्रदूषण स्तर को कम किया जा सका था. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि अब हाइड्रोजन सीएनजी आने से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट दर्ज की जाएगी. यह प्रोजेक्ट बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सही समय पर सही दिशा में उठा कदम है.
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परंपरागत सीएनजी से थोड़ी महंगी, लेकिन औसत बेहतर
वहीं, इंडियन आयल के निदेशक राम कुमार के मुताबिक हाइड्रोजन सीएनजी गैस, सीएनजी के मुकाबले 30 से 40 पैसे महंगी जरूर होगी लेकिन बढ़ते प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ इसकी औसत खपत भी बेहतरीन होगी. इप्का की सदस्य सुनीता नारायण के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जा रहा है. हालांकि यह प्रोजेक्ट तीन महीने देरी से चल रहा है, लेकिन सुनीता नारायण ने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर कर लिया जाएगा.
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