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ओडिशा में स्कूल में नाबालिग के प्रसव पर मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

एक मीडिया रिपोर्ट को तत्काल संज्ञान में लेते हुए एनएचआरसी मुख्य सचिव के नाम तत्काल नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है.

Updated on: 14 Jan 2019, 11:48 PM

नई दिल्ली:

ओडिशा के कंधमाल जिले में राजकीय आवासीय विद्यालय में कक्षा आठ की एक छात्रा द्वारा एक बच्ची को जन्म देने की खबर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को ओडिशा सरकार से जवाब मांगा. एक मीडिया रिपोर्ट को तत्काल संज्ञान में लेते हुए एनएचआरसी मुख्य सचिव के नाम तत्काल नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है कि उसने दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की और लड़की की काउंसलिंग करने के साथ-साथ उसके पुनर्वास के लिए क्या किया है.

कंधमाल जिले के आवासीय स्कूल के छात्रावास में 14 वर्षीय एक छात्रा ने 12 जनवरी को एक बच्ची को जन्म दिया. यहां एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सोमवार को बच्ची की मौत हो गई.

एनएचआरसी ने कहा, 'लड़की अनुसूचित जनजाति की है, इसलिए आयोग दर्ज की गई प्राथमिकी की धारा की विस्तृत जानकारी भी जानना चाहती है.'

आयोग ने समाचार रिपोर्ट के कंटेंट का भी विश्लेषण किया. यह खबर अगर सच है तो प्रशासन की लापरवाही का शिकार हुई नाबालिग लड़की के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है.

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बयान के अनुसार, आवासीय स्कूलों में रहने वाली छात्राओं की सुरक्षा के लिए राज्य जिम्मेदार होता है. यह स्पष्ट है कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका और छात्रावास की वार्डन पीड़ित लड़की की सुरक्षा करने में नाकाम रहे. इसी मामले में आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है और संस्थान की दो सहायिकाओं, दो खानसामों-सह-सहायकों, एक महिला सुपरवाइजर और एक सहायक नर्स को नौकरी से हटा दिया गया है.

वहीं दूसरी तरफ जिला कलेक्टर ने सोमवार को स्कूल की प्रधानाध्यापिका राधारानी दलाई को निलंबित कर दिया गया. जिले के डेरिंगबाड़ी क्षेत्र में स्थित सेवा आश्रम हाई स्कूल प्रदेश का एससी एंड एसटी विकास आयोग चलाता है. संबंधित मंत्री ने कहा है कि जिला अधिकारी को मामले की जांच करने और उन परिस्थितियों की विस्तृत रिपोर्ट सोंपने का निर्देश दिया है जिनमें लड़की गर्भवती हो गई और उसने एक बच्ची को जन्म दे दिया.