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कोरोना वायरस से देश को बचाने में कैसे जुटे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्या कर रही है उनकी टीम

कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम काम कर रही है. यह टीम कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में मिनट टू मिनट की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

Updated on: 01 Apr 2020, 06:46 AM

नई दिल्ली:

कोरोना जैसे खतरनाक वायरस (Corona Virus) को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम काम कर रही है. यह टीम कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में मिनट टू मिनट की गतिविधियों पर नजर रख रही है. दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में 'कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spread)' को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन का फैसला अपनी टीम में शामिल इन्हीं विशेषज्ञों की राय पर लिया था.

कोरोना वायरस के संकट के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर रोज 17 से 18 घंटे काम कर रहे हैं. पीएमओ के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि प्रधानमत्री मोदी अक्सर सुबह तीन बजे तक या उससे भी अधिक समय तक जागकर मॉनीटरिंग करते हैं. बैठकों का सिलसिला देर रात तक चलता है. इन बैठकों में प्रधानमंत्री उच्चस्तरीय समूहों की ओर से महामारी को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा करते हैं.

सात लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने कैंप कार्यालय से लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग करने और प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों से परामर्श करने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी विशेषज्ञों की 11 कोर टीमों के साथ काम कर रहे. ये टीमें 24 घंटें मिशन मोड में काम कर रहीं. जिसमें डॉक्टर, जैव-वैज्ञानिक, महामारी विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री शामिल हैं. सभी विशेषज्ञ अलग-अलग समूहों में काम कर रहे हैं.

पीएमओ के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय प्रधानमंत्री इमरजेंसी मेडिकल मैनेजमेंट प्लान पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. इस टीम का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी पॉल कर रहे हैं. इस टीम में मोदी के सहयोगी और पीएमओ में निदेशक लेवल के अधिकारी राजेंद्र कुमार भी हैं. प्रधानमंत्री मोदी रोग नियंत्रण, टेस्टिंग और हास्पिटल्स तथा क्वारंटाइन के इंतजामों पर भी खासा ध्यान दे रहे हैं.

पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा के नेतृत्व वाली इस टीम में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमओ के अपने भरोसेमंद अफसरों डॉ. श्रीकर परदेशी और मयूर माहेश्वरी को भी इस टीम में रखा है. ग्रुप में शामिल एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "मोदी जी मिशन मोड में काम कर रहे. वह देश ही नहीं दुनिया में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों पर पूरी नजर रखते हैं. मसलन, कितने लोग पॉजिटिव मिले, कितने लोगों की जांच हुई और कितने लोग इलाज से स्वस्थ हुए, ऐसे ताजातरीन अपडेट लेते रहते हैं."

ये 11 कोर ग्रुप भले ही पीएमओ को महत्वपूर्ण जानकारियों से अपडेट करते रहते हैं, फिर भी मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं. इस काम में पीके मिश्रा का सहयोग दो अफसर करते हैं. एक अफसर हैं तरुण बजाज, जो कि 1988 बैच के हरियाणा काडर के आईएएस हैं और पिछले पांच साल से प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम कर रहे हैं. दूसरे अफसर हैं एके शर्मा, जो कि गुजरात के दिनों से ही मोदी के भरोसेमंद रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि कोरोना की रोकथाम से जुड़ीं ज्यादातर बैठकों में चर्चा और जरूरी नोट का आदान-प्रदान प्रधान सचिव पीके मिश्रा और विशेषज्ञों के बीच होता है मगर महत्वपूर्ण निर्णयों के तत्काल लिए जाने की आवश्यकता पड़ने पर प्रधानमंत्री मोदी को इस बातचीत में शामिल होने में कुछ ही समय लगते हैं. एक अधिकारी ने कहा, "मीटिंग के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का पालन होता है. मंत्री भी सुरक्षित दूरी रखते हैं."

पिछले सौ वर्ष में पहली बार किसी महामारी का इतना बड़ा प्रकोप भारत झेल रहा है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी को निजी और गैर सरकारी संगठनों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सामाजिक समूहों के योगदान का अहसास होता है. कोरोना के खिलाफ जंग में एनजीओ और प्राइवेट सेक्टर के बीच समन्वय बनाने में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व में एक टीम काम कर रही है. पीएमओ में संयुक्त सचिव गोपाल बागले, अमिताभ कांत के साथ मिलकर एनजीओ और प्रमुख कंपनियों से धन जुटाने में मदद कर रहे है. इस टीम की कोशिशों का ही नतीजा है कि टाटा से लेकर रिलायंस और भारती से लेकर अडानी समूह तक कई बड़े कॉरपोरेट घरानों ने पीएम केयर में बड़ी धनराशि दी है. इस टीम की बदौलत प्रमुख गैरसरकारी संगठनों की मदद से निजी क्षेत्र ने राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पूरे देश में गरीबों को भोजन और आश्रय की सुविधा प्रदान करने की दिशा में काम शुरू किया है.

जागरूकता के जरिए वैश्विक महामारी रोकने में मीडिया की भी अहम भूमिका होती है. ऐसे मे प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में अपने शेड्यूल में समय निकालकर टीवी चैनलों और अखबारों के संपादकों सहित मीडिया घरानों के मालिकों के साथ बातचीत की. उन्होंने रेडियो जॉकी के साथ वीडियो कांफ्रेंस भी की, ताकि लोगों में महामारी के खिलाफ संदेश भी जाए. जागरूकता फैलाने के लिए पीएमओ की सोशल मीडिया टीम हिरेन जोशी के नेतृत्व में 24 घंटे काम कर रही है.

पीएम मोदी खुद तीन सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान घर पर रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी संदेश अपलोड करने का सुझाव देते हैं. पीएम मोदी के ट्विटर पर हाल में जब विभिन्न योग आसनों के वीडियो अपलोड हुए तो उसकी काफी सराहना हुई. मोदी की टीम से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दो सप्ताह देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहद अहम होंगे.