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कांडा का समर्थन लेकर BJP कैसे भूलेगी गीतिका शर्मा खुदकुशी कांड

हरियाणा में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से थोड़ा पीछे रह गई. ऐसे में अब उसे निर्दलीय विधायकों के साथ की जरूरत है. बीजेपी को अब तक छह निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दे दिया है. इनमें सिरसा से विधायक गोपाल कांडा (Gopal kanda) भी शामिल हैं.

Updated on: 25 Oct 2019, 01:20 PM

highlights

  • 2012 में हुआ था गीतिका शर्मा खुदकुशी कांड, इस मामले में गोपाल कांडा थे मुख्य आरोपी
  • इस मामले में गोपाल कांडा को मंत्री के पद से देना पड़ा था इस्तीफा
  • बीजेपी ने सड़क पर उतर किया था प्रदर्शन, फिलहाल जमानत पर है गोपाल कांडा

नई दिल्ली:

हरियाणा में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से थोड़ा पीछे रह गई. ऐसे में अब उसे निर्दलीय विधायकों के साथ की जरूरत है. बीजेपी को अब तक छह निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दे दिया है. इनमें सिरसा से विधायक गोपाल कांडा (Gopal kanda) भी शामिल हैं. सिरसा से मात्र 602 वोटों से जीतने वाले गोपाल कांडा ने गुरुवार रात को ही बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है.
गोपाल कांडा अपनी ही कंपनी की एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा (Geetika Sharma) खुदकुशी केस में आरोपी में हैं. उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. फिलहाल गोपाल कांडा जमानत पर बाहर हैं. पुलिस की ओर से दाखिल किए गए आरोप पत्र में गोपाल कांडा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), धारा 471 (धोखाधड़ी), और उत्पीड़न सहित आईपीसी की कई अन्य धाराएं लगाई हैं. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 भी लगाई गई हैं. आरोप पत्र में कांडा पर गीतिका का गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया गया.

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यह है गीतिका शर्मा खुदकुशी कांड
2012 में एयर हॉस्टेस गीतिका शर्मा (23 वर्ष) की लाश अशोक विहार स्थित अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी. गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा एवं उसकी कंपनी में काम करने वाली एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. मामला बढ़ने के बाद कांडा को गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कुछ सालों बाद गीतिका शर्मा की मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली. उन्होंने भी अपने पीछे छोड़े नोट में अपनी बेटी की आत्महत्या के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को ही जिम्मेदार ठहराया.

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जूते चप्पल के कारोबार से एयरलाइंस तक का तय किया सफर
किसी समय गोपाल कांडा का जूते चप्पल का कारोबार था. इसमें सफलता न मिलने पर उन्होंने 1998 में वह रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू किया. 2007 में उनकी कार से 4 वांटेड क्रिमिनल मिले तो केंद्र ने राज्य सरकार से जांच करने को कहा. गोपाल कांडा ने 2009 में नेशनल लोकदल की टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया. लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते. तब चुनाव में हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था. ऐसे में गोपाल कांडा की किस्मत खुल गई और उन्हें मंत्री बना दिया गया. इसी दौरान गोपाल कांडा ने अपनी एयरलाइंस बना ली. इसी कंपनी में गीतिका नौकरी करती थी.

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बीजेपी ने सड़क पर उतर किया था प्रदर्शन
गीतिका शर्मा खुदकुशी मामले में विपक्ष में बैठी बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. तब बीजेपी ने सड़क पर उतर गोपाल कांडा के खिलाफ प्रदर्शन किया था. बीजेपी के विरोध के कारण ही कांडा को मंत्री पद से हटाया गया. अब गोपाल कांडा से समर्थन लेने के फैसले से बीजेपी के अंदर ही खींचतान बनी हुई है.