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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, 2022 तक सबको मिले घर, अधिकारी दूर करें सारी बाधाएं

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली 'प्रगति' बैठक में 2022 तक लोगों के लिए आवास की प्रतिबद्धता दोहराई.

Updated on: 01 Aug 2019, 06:21 AM

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली 'प्रगति' बैठक में 2022 तक लोगों के लिए आवास की प्रतिबद्धता दोहराई और अधिकारियों को इस उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में कार्य करने और आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए कहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत और सुगम भारत अभियान जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. साथ ही उन्होंने राज्यों का आह्वान किया कि वे वर्तमान मानसून के दौरान जल संरक्षण पर अधिकतम ध्यान दें.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने आईसीटी आधारित मल्टी मॉडल प्लेटफॉर्म प्रगति के जरिए आज 30वीं बैठक की अध्यक्षता की. केंद्र सरकार के नए कार्यकाल में यह पहली प्रगति बैठक थी. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से जुड़ी शिकायतों के समाधान की समीक्षा की. उन्होंने केंद्र सरकार के संकल्प को दोहराया कि कोई भी परिवार 2022 तक बेघर नहीं रहेगा और अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे इस उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में जीजान से कार्य करें. पीएम ने वित्तीय सेवाओं के विभाग से जुड़ी जन शिकायतों के समाधान की भी समीक्षा की.

पीएम मोदी (PM Modi) ने आयुष्मान भारत की कार्यप्रणाली की भी विस्तार से समीक्षा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया गया कि करीब 35 लाख लाभांवित अस्पताल में दाखिले की सुविधा का लाभ ले चुके हैं और अब तक 16,000 अस्पताल इस योजना से जुड़े हैं. पीएम ने उन राज्यों से बातचीत का आह्वान किया जो योजना में सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली और सुधार में मदद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आकांक्षापूर्ण जिलों में योजना के लाभों और सकारात्मक प्रभाव के बारे में एक अध्ययन किया जाना चाहिए. उन्होंने जानना चाहा कि इस योजना के दुरुपयोग और जालसाजी के कभी-कभार होने वाले मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.

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सुगम्य भारत अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए पीएम ने सार्वजनिक परिसरों तक पहुंचने में दिव्यांगजनों के सामने आने वाली परेशानियों के संबंध में जानकारी एकत्र करने का एक तंत्र तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का आग्रह किया. उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए पहुंच बढ़ाने का समाधान ढूंढने में लोगों की अधिक भागीदारी और संवेदनशीलता का आह्वान किया. जल शक्ति के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने राज्यों का आह्वान किया कि वे वर्तमान मानसून के दौरान जल संरक्षण की दिशा में अधिकतम प्रयास करें.