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होम्योपैथी डॉक्टर अब मरीजों को नहीं दे सकेंगे एलोपैथी दवा

एक मामले पर 20 साल बाद फैसला सुनाते हुए NCDRC ने होम्योपैथी डॉक्टरों के लिए नया नियम बनाया है

Updated on: 14 Jul 2019, 08:22 AM

नई दिल्ली:

नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने होम्योपैथी डॉक्टरों के लिए नया नियम बनाया है. दरअसल साल 2000 में एक होम्योपैथी डॉक्टर ने महिला को पेट में दर्द की शिकायत होने पर इंजेक्शन लगा दिया था जिसके बाद महिला की मौत हो गई थी. इस मामले पर लगभग 20 साल बाद फैसला लेते हुए NCDRC ने डॉक्टर को महिला के परिवारवालों को 10 लाख रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टर के पास डिग्री होम्योपैथी की है और वो एलोपैथी दवा मरीजों को नहीं दे सकते.

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इस मामले के साथ ही NCDRC ने एक नया नियम भी बना दिया है. इसके मुताबिक होम्योपैथी डॉक्टर एलोपैथी दवा मरीजों को नहीं दे सकता. अगर डॉक्टर ऐसा करते हैं और उसका असर मरीजों के स्वास्थ्य पर पड़ता है तो डॉक्टरों को जुर्माना देना पड़ेगा.

क्या था महिला की मौत का पूरा मामला?

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जिस घटना पर NCDRC ने ये फैसला सुनाया है वो घटना साल 2000 की है. खबरों के मुताबिक, महिला के पेट में दर्द होने के बाद उसे होम्योपैथी डॉक्टर के पास ले जाया गया. डॉक्टर ने उसे बरालगन और डेक्सामेथासोन के दो इंजेकश्न दिए जिसके तुरंत बाद महिला को परेशानी होने लगी और उनकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है कि इंजेक्शन की रिएक्शन की वजह से महिला की मौत हुई. 

NCDRC ने इस मामले में डॉक्टर को दोषी पाते हुए 10 लाख रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया है और इसके लिए डॉक्टर को 4 हफ्ते का समय दिया गया है. इस मामले में डॉक्टर ने भी एक याचिका दाखिल की थी जिसमें उसने मांग की थी कि इस मामले में उसे दोषी न ठहराया जाए क्योंकि महिला के परिवारवालों की तरफ से दायर आपराधिक मुकदमें में उसे बरी कर दिया गया था. हालांकि कमीशन ने डॉक्टर की याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले में डॉक्टर को दोषी ठहराते हुए कमीशन ने कहा कि एक होम्योपैथी डॉक्टर को ये अधिकार नहीं है कि वो मरीज को एलोपैथी दवा (इंजेक्शन) दे.