लोकसभा ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी, जानें कब तक रहेगा लागू
अमित शाह ने कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों में बंकरों का निर्माण पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी द्वारा तय समय सीमा में किया जाएगा. हर व्यक्ति का जीवन हमारे लिए महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने तक और बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिसे लोकसभा ने मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव रखते हुए अमित शाह ने कहा, जम्मू-कश्मीर में रमजान और अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं. हम जम्मू-कश्मीर में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. अमित शाह ने कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों में बंकरों का निर्माण पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी द्वारा तय समय सीमा में किया जाएगा. हर व्यक्ति का जीवन हमारे लिए महत्वपूर्ण है.
Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: I propose that President's rule in Jammu and Kashmir should be extended by 6 months. pic.twitter.com/agXlqYmP0H
— ANI (@ANI) June 28, 2019
लोकसभा ने 3 जुलाई 2019 से आगे 6 महीने के लिए जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के वैधानिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अमित शाह ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, पहली बार जनता महसूस कर रही है कि जम्मू और लद्दाख भी राज्य का हिस्सा है. सबको अधिकार देने का काम मोदी सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए सीमा पर रहने वाले लोगों की जान कीमती है और इसलिए सीमा पर बंकर बनाने का फैसला हुआ है. शाह ने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र बहाली बीजेपी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. आतंकवाद के खात्मे की कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने सदन से अपील करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव का समर्थन करें.
नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. जम्मू-कश्मीर में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था जिसके बाद पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, लेकिन मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद एक बार फिर वहां गतिरोध पैदा हो गया था.
कुछ माह बाद महबूबा मुफ्ती बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बनी, लेकिन एक साल बाद ही बीजेपी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. उसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था. दिसंबर 2018 में राज्यपाल शासन खत्म होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था.
लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा, लोकसभा चुनाव के साथ कश्मीर में विधानसभा चुनाव क्यों नहीं कराए गए, वह चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से हो जाते.
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