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गृह मंत्री अमित शाह ने कानून-व्यवस्था पर कमलनाथ और भूपेश बघेल से चर्चा की

अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या के 2.77 एकड़ विवादित भूमि को हिंदुओं को दे दिया, जिससे राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया.

Updated on: 10 Nov 2019, 02:31 PM

भोपाल/रायपुर:

अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या के 2.77 एकड़ विवादित भूमि को हिंदुओं को दे दिया, जिससे राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया. इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में मुस्लिमों को पांच एकड़ जमीन वैकल्पिक स्थल पर देने का आदेश दिया. इस भूमि विवाद मामले पर शनिवार को आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों की कानून-व्यवस्था को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से दूरभाष पर चर्चा की.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई चर्चा का जिक्र करते हुए बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सुबह बात हुई, जिन्होंने कहा कि राज्य को किसी भी तरह की आवश्यकता हो तो केंद्र तैयार है, जिस पर उनसे कहा गया कि राज्य इसके लिए पूरी तरह तैयार है, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है. हमारी पुलिस इसके लिए पूरी तरह तैयार है.

शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी चर्चा कर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली. मुख्यमंत्री बघेल ने केन्द्रीय गृहमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है. राज्य सरकार पूरी तरह चौकन्नी है. उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री को आश्वस्त किया कि शांति व्यवस्था पूरी तरह कायम रहेगी, इसके लिए राज्य शासन द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है.

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बता दें कि शनिवार को शीर्ष कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हिंदुओं को विवादित भूमि शर्तों पर मिलेगी. 2.77 एकड़ का परिसर ट्रस्ट (न्यास) को सौंपा जाएगा, जिसे तीन महीने में गठित किया जाना है. मंदिर निर्माण का प्रबंधन ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा. केंद्र को तीन महीने के भीतर न्यासी बोर्ड नियुक्त करना होगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि मुस्लिमों को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन मिलेगी. शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मुस्लिम अंदर के प्रांगण पर अपना विशेष कब्जा नहीं साबित कर सके, जबकि बाहरी प्रांगण हिंदुओं के विशेष कब्जे में है.

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