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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थानीय लोगों ने इस भारतीय ऐतिहासिक धरोहर में की तोड़-फोड़

इन लोगों ने सदियों पुराने गुरु नानक महल का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया और उसकी कीमती खिड़कियां एवं दरवाजे बेच लिए हैं.

Updated on: 27 May 2019, 05:43 PM

highlights

  • भारत की ऐतिहासिक धरोहर है गुरुनानक महल
  • स्थानीय लोगों ने की तोड़-फोड़
  • इमारत के दरवाजे और खिड़कियां बेची

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारत की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थापित गुरुनानक पैलेस में तोड़-फोड़ का मामला सामने आया है. यहां पर कुछ स्थानीय लोगों ने औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित तौर पर मौन सहमति के बाद इस घटना को अंजाम दिया है. इन लोगों ने सदियों पुराने गुरु नानक महल का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया और उसकी कीमती खिड़कियां एवं दरवाजे बेच लिए हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी दी गई. इस रिपोर्ट के अनुसार इस 4 मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अलावा हिंदू शासकों और राजकुमारों की तस्वीरें थीं.

औकाफ अधिकारियों की सहमति का है आरोप
अशरफ ने बताया कि, ‘प्रभावशाली लोगों ने औकाफ विभाग की मौन सहमति से ही इस इमारत को ध्वस्त किया है और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे, रोशनदान और लकड़ी बेच दीं.’ समाचार पत्र ने कहा कि उसने इवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के उपायुक्त से लेकर इमारत में रहने वाले परिवार तक कई लोगों से बात करने की कोशिश की. यह पता लगाया जा सके कि इमारत की कानूनी स्थिति क्या है, इसका मालिक कौन है और कौन सी सरकारी एजेंसी इसका रेकॉर्ड रखती है, लेकिन समाचार पत्र को कोई जानकारी नहीं मिल सकी.

4 सौ साल पुराने इस महल को देखने दुनियाभर के सिख आते थे
डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि बाबा गुरु नानक महल अब से 4 सौ साल पहले बनाया गया था. यहां पर सैलानी के रूप में भारत सहित दुनिया भर के सिख आते थे. यह इमारत पाकिस्तान के प्रांतीय शहर लाहौर से करीब 100 किमी दूर नारोवाल शहर में बनी है. इस महल में 16 कमरे थे हर कमरे में कम से कम 3 जर्जर दरवाजे और 4 रोशनदान थे रिपोर्ट में बताया गया है कि औकाफ विभाग के अधिकारी भी इसमें मौन सहमति बनाए हुए थे तभी यहां के स्थानीय लोगों ने इस महल को आंशिक रूप से ध्वस्त करके उसके कीमती दरवाजे, खिड़कियां और रोशनदान बेच लिए.

'तोड़फोड़ की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई'
औकाफ विभाग के अधिकारियों को इस महल के मालिक के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यहां के स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम ने बताया कि, ‘इस पुरानी इमारत को बाबा गुरु नानक महल कहा जाता है और हमने उसे महलां नाम दिया है. भारत समेत दुनियाभर से सिख यहां आया करते थे.’ एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा, ‘औकाफ विभाग को इस बारे में बताया गया कि यहां के स्थानीय कुछ प्रभावशाली लोग इमारत में तोड़-फोड़ कर रहे हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई यहां पहुंचा.’

नरोवाल शहर के उपायुक्त वहीद असगर ने बताया कि, ‘राजस्व रिकॉर्ड में इस इमारत का कोई जिक्र नहीं है. यह इमारत ऐतिहासिक प्रतीत होती है और हम नगरपालिका समिति के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं।’ ईटीपीबी सियालकोट क्षेत्र के रेंट कलेक्टर राणा वहीद ने कहा, ‘हमारी टीम गुरु नानक महल बाटनवाला के संबंध में जांच कर रही हे. यह यह संपत्ति ईटीपीबी की है तो इसमें तोड़फोड करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस इलाके के लोगों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से इस तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है.