शीतकालीन सत्र: आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण वाला विधेयक लोकसभा में पास
मोदी सरकार ने ठीक लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा दांव चला है. केंद्र ने सवर्णों के वोट बैंक को साधने के लिए बड़ा फैसला लिया है.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने ऐसी गुगली फेंकी है, जिसमें पूरा विपक्ष फंस गया है. विधानसभा चुनाव के बाद से विपक्ष सरकार पर हावी दिख रहा था, लेकिन सवर्णों को आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी देकर सरकार ने गेंद विपक्ष के पाले में डाल दी है. चुनाव को देखते हुए लगता नहीं कि कोई दल इस बिल का विरोध करने का जोखिम उठा पाएगा. हालांकि लालू प्रसाद यादव की पार्टी इस प्रस्ताव का विरोध कर रही है. सरकार इस फैसले का लाभ न ले पाए, इसके लिए विपक्षी पार्टियां इस बिल को संसद की स्थायी कमेटी को भेजने की मांग कर सकती हैं. जाहिर सी बात है कि सरकार इस पर राजी नहीं होगी. www.newsnationtv.com पर लें लोकसभा में दिन भर का अपडेट...
सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दस प्रतिशत आरक्षण संबधी विधेयक लोकसभा में पारित.
Lok Sabha passes Constitution (124 Amendment) Bill, 2019 with 323 'ayes'. The bill will provide reservation for economically weaker section of the society in higher educational institutions pic.twitter.com/mzsHxQoUva
— ANI (@ANI) January 8, 2019
क्या कोई भी बिल कभी भी सदन में पेश किया जा सकता है, जब सरकार चाहे. क्या कोई नोटिस देना जरूरी नहीं है: कांग्रेस सांसद शशि थरूर
आज मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है, क्योंकि लोकसभा में पास हो रहा है ये बिल, नरेन्द्र मोदी जी की मजबूत हो रही है हील, क्योंकि राफेल में नहीं है कोई गलत डील, नरेन्द्र मोदी जी का था अच्छा लक्षण, इसलिए मिल रहा है गरीबों को आरक्षण: रामदास आठवले
गरीब सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित बिल पर बहस के दौरान सदन में पहुंचे पीएम मोदी
Delhi: Prime Minister Narendra Modi arrives in Parliament pic.twitter.com/226r3CIMG7
— ANI (@ANI) January 8, 2019
कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ी जाति का विरोध किया, आज तक देश के स्तर पर और राज्य स्तर पर बताएं किसी नेता बनाया: हुकुमदेव यादव
बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा, 'कट्टरपंथी को छोड़ उदारवादी बनकर सोचने की जरुरत है और ये विधेयक इसी का परिणाम है.'
लोकसभा में चर्चा के दौरान AIMIM अध्यक्ष ने कहा, 'यह बिल संविधान के साथ धोखा है और बाबा आंबेडकर का अपमान है. सरकार को सवर्णों के आंकड़े दिखाने चाहिए कि वो किस आधार पर उन्हें आरक्षण दे रहे. यह बिल सरकार पर बोझ है.'
कई विपक्ष साथियों ने इस बात पर सवाल खड़े किए कि सदन के अंतिम दिन इसे क्यों लाया गया.- अनुप्रिया पटेल, अपना दल
मंडल कमीशन के दौरान हम उच्च जाति के गरीबों का आरक्षण देना चाहते थे लेकिन तब कानूनी आधार पर ऐसा हो नहीं सका- पासवान
केंद्रीय मंत्री पासवास ने कहा- मोदी सरकार को दलित विरोधी कहा जाता है, हमने SCST एक्ट को तीन दिन के अंदर संसद में पारित कर सर्वोच्च न्यायलय का फैसला पलटा.
सरकार इस कोटा बिल की तरह महिला आरक्षण बिल को प्राथमिकता के साथ क्यों नहीं ले रही है? यह बिल केवल नौकरियों के बारे में ही नहीं है, बल्कि झूठी आशाओं और नकली सपनों के साथ युवाओं को गुमराह कर रहा है: तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय
Sudip Bandyopadhyay, TMC in Lok Sabha: Why does the Government not take up the women reservation bill with the same priority as this quota bill? This bill is not only about jobs, but also about misleading the youth with false hopes and fake dreams pic.twitter.com/7BKnXtSerH
— ANI (@ANI) January 8, 2019
जेटली ने 2014 चुनाव का कांग्रेस मैनिफेस्टो पढ़कर सुनाया, जिसमें गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात कही गई थी.
आरक्षण सामाजिक न्याय के लिए दिया जाता है, हमारी पार्टी का यही स्टैंड: एम थंबी दुरई, AIADMK
लोकसभा में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली बोले, इस आरक्षण बिल के आने से 'सबका साथ, सबका विकास' सुनिश्चित हो पाएगा. यह बिल समानता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है और इससे सामाजिक उत्थान होगा.
FM Arun Jaitley in Lok Sabha: This reservation bill ensures 'sabka saath, sabka vikas'. It is a move for equality, will enable social upliftment. pic.twitter.com/Eb81Yk840K
— ANI (@ANI) January 8, 2019
लोकसभा में बोले अरुण जेटली, सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि 50 प्रतिशत की सीम केवल जातिगत आरक्षण पर
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण विधेयक पर बोला कि इस विधेयक से उन लोगों को राहत मिलेगी जिनकी सलाना आमदनी 8 लाख़ रूपये से कम की है. करोड़ों युवाओं को इस क़ानून से शिक्षा औऱ नौकरी में फ़ायदा मिलेगा. हालांकि इस क़ानून के आने के बाद भी SC, ST और OBC के आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
BJP President Amit Shah: It will give great relief to people who have annual income less than Rs. 8 lakhs. Crores of young people will have benefits from this reservation in education & jobs. The reservation of 50% for SC, ST & OBCs remains unaffected due to this decision. pic.twitter.com/wGMmBYSjqE
— ANI (@ANI) January 8, 2019
केवी थॉमस ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी आरक्षण बिल का समर्थन करती है लेकिन जिस तरह से इसे पेश किया गया है उसको लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं. मेरा अनुरोध है कि इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिशनम के पास भेजा जाए.
KV Thomas, Congress in Lok Sabha: We support this quota bill, we are not against this, but the way it is being brought raises questions on your sincerity. My request is to send this to JPC first
— ANI (@ANI) January 8, 2019
राजनीति के मतभेद से अलग क्र लें तो आरक्षण की कप्लना हमारे संविधान में पैदा कैसे हुई: अरुण जेटली
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 लोकसभा में पास
The Citizenship Amendment Bill 2019 has been passed in Lok Sabha. pic.twitter.com/RMBMNcNlQZ
— ANI (@ANI) January 8, 2019
राज्यसभा की कार्यवाही बढ़ाए जाने के विरोध में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन, विपक्ष ने कहा सहमति बढ़ाई गई एक दिन आगे राज्यसभा की कार्यवाही
Delhi: Opposition leaders protest in the Parliament premises against central government for extending Rajya Sabha session by a day; allege it was extended without consensus pic.twitter.com/JA6be5aOBz
— ANI (@ANI) January 8, 2019
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण के प्रस्ताव का विरोध किया है. ओवैसी के अलावा राजद के नेता तेजस्वी यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी इस बिल का विरोध करने का फैसला लिया है.
कांग्रेस ने सिटीजनशिप संशोधन विधेयक 2016 के विरोध में लोकसभा से वॉकआउट किया.
Congress walks out of Lok Sabha during debate over the Citizenship Amendment Bill, 2016.
— ANI (@ANI) January 8, 2019
Union Home Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: We are committed toward NRC. There will be no discrimination in NRC. All the necessary steps will be taken to deal with illegal migrants. #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/EnX9Ga8V3B
— ANI (@ANI) January 8, 2019
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, केवल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार के बाद बीजेपी को अगड़ों को आरक्षण देने की याद आ गई. दरअसल उनका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है. अगर संसद में यह बिल पास नहीं होता तो वे कहेंगे कि हमने प्रयास किया पर संसद ने इसे पास नहीं किया.
Omar Abdullah: Only after defeat in Madhya Pradesh,Chhattisgarh,Rajasthan&Telangana, they(BJP) remembered to give reservation after 4.5 years.They actually don’t intend to give reservation;if it doesn’t get passed in Parliament they'll say,’we tried,but Parliament didn’t pass it’ pic.twitter.com/xH36r03TPs
— ANI (@ANI) January 8, 2019
Ram Gopal Yadav, SP: OBC ke liye bhi aabadi ke hisaab se aarakshan hona chahiye tha, sarkar is laxman rekha (50% reservation limit) ko paar kar rahi hai, to OBC ka unki aabadi ke hisaab se 54% aarakshan hona chahiye, ye jo aarakshan la rahe hain hum is faisle ka swagat karte hai. pic.twitter.com/dCDwl478eK
— ANI UP (@ANINewsUP) January 8, 2019
उन्होंने कहा, असम में एक आंदोलन हुआ था, उसके बाद असम अकॉर्ड बना था, तब कई संशोधन किए गए थे, जिसके अनुसार एनआरसी को अपडेट किया गया था, असम अकॉर्ड को ठीक से लागू नहीं किया गया है. हमारी सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, यह विधेयक देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू होगा. इसके पीछे सोच यह है कि उत्पीड़न के शिकार ऐसे माइग्रेंट्स भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकें. इसकी जिम्मेदारी पूरे देश की है, जिम्मेदारी केवल असम की नहीं होगी. यह पूरे देश का बडेन है
समाजवादी पार्टी ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल का समर्थन किया, पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा, हम बिल के समर्थन में हैं और जब सरकार कोर्ट की सीमा का उल्लंघन कर रही है तो हमारी मांग है कि पिछड़ों को आबादी के हिसाब से 54 फीसदी आरक्षण दिया जाए.
समाजवादी पार्टी ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल का समरहं किया, पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा, हम बिल के समर्थन में है और जब सरकार कोर्ट की सीमा का उल्लंघन कर रही है तो हमारी मांग है कि पिछड़ों को आबादी के हिसाब से 54 फीसदी आरक्षण दिया जाए.
अब से थोड़ी ही देर में लोकसभा में सवर्णों को आरक्षण संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा होगी. 12.30 बजे केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने बिल को पेश किया.
अगर सरकार को संविधान संशोधन बिल को लागू करवाना है तो उसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास करवाना जरूरी है. लोकसभा में तो एनडीए सरकार के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष की स्थिति मजबूत है.
बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार इस आरक्षण बिल को पास कराने के लिए संसद के सत्र को आगे बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है.
संसद का शीतकालीन सत्र राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गया. आज सत्र का आखिरी दिन है. अब सरकार के सामने इस बिल को पास करवाने की चुनौती है.
सवर्णों को आरक्षण देने के लिए 124वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, सामाजिक आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने पेश किया बिल
झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाए. उन्होंने मांग की कि ट्राइबल्स को मिलने वाले आरक्षण को 26 प्रतिशत से बढ़ा कर 28 प्रतिशत किया जाए. इसके साथ ही झारखंड के अल्पसंख्यकों के लिए भी 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
Jharkhand Mukti Morcha (JMM) president Hemant Soren: Backward classes should be given 27% reservation, we also demand that reservation be raised form 26% to 28% for the tribal communities, and 5% to the minority community of Jharkhand, pic.twitter.com/TTCe2VgZ6Z
— ANI (@ANI) January 8, 2019
मोदी सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले का बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने समर्थन किया है. मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का समर्थन करती है और संसद में पेश किए जाने वाले संविधान संशोधन बिल का समर्थन करेगी. हालांकि, मायावती ने मौजूदा समय में SC/ST और OBC वर्ग को मिलने वाले करीब 50 फीसदी आरक्षण के कोटे के दायरे को बढ़ाने की मांग भी की.
BSP chief Mayawati to ANI: Lok Sabha chunaav se pehle liya gaya ye faisla humein sahi niyat se liya gaya faisla nahi lagta hai, chunavi stunt lagta hai, rajnitik chalaava lagta hai, acha hota agar BJP apna karyakaal khatam hone se thik pehle nahi balki aur pehle le leti. pic.twitter.com/Iidi2rT0eC
— ANI (@ANI) January 8, 2019
संसद भवन परिसर में बातचीत करते हुए बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, केंद्र सरकार द्वारा कमजोर और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले के स्वागत करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम गरीबों की उन्नति का माध्यम बनेगा.
BJP MP Anurag Thakur: I welcome the 10% reservation announced by the Centre for economically weaker sections of the upper caste. PM Narendra Modi's policies have helped to uplift the poor in the country. pic.twitter.com/7vVQdjrcnV
— ANI (@ANI) January 8, 2019
मौजूदा आरक्षण व्यवस्था में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फीसदी, अनुसूचित जाति (SC) को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 फीसदी आरक्षण मिल रहा है.
कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले में धर्म अड़ंगा नहीं डाल सकेगा. जिसका सीधा मतलब ये है कि सरकार की इस स्कीम का लाभ देश भर के सभी धर्मों के सामान्य श्रेणी में आने वाले गरीब नागरिक उठा सकेंगे. मोदी सरकार की इस आरक्षण नीति में न सिर्फ हिंदू बल्कि मुस्लिम और बाकी धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग भी शामिल हैं.
किन सवर्णों को मिलेगा आरक्षण का लाभ?
- जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम हो
- जिनके पास 5 हेक्टेयर से कम की खेती की जमीन हो
- जिनके पास 1000 स्क्वायर फीट से कम का घर हो
- जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो
- जिनके पास 209 गज से कम की निगम की गैर-अधिसूचित जमीन हो
- जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा सांसद व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह संसद भवन पहुंचे.
सवर्णों को आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में 12 बजे पेश होगा. 2 बजे से इस विधेयक पर चर्चा होगी.
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