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हिन्दी अनिवार्य भाषा है लेकिन हमें अपनी मात्रभाषा कन्नड़ का सम्मान करना चाहिए: सुरेश अंगड़ी

सुरेश अंगिडी ने कहा,हिंदी एक राष्ट्रीय भाषा है. अगर हमें दूसरे राज्यों के साथ बातचीत करना है तो हिंदी की जरूरत है.

Updated on: 03 Jun 2019, 09:54 PM

highlights

  • सुरेश अंगड़ी ने कहा हिन्दी जरूरी
  • लेकिन मात्र भाषा से भी हो प्यार
  • HRD ने हटाई हिन्दी की अनिवार्यता

नई दिल्ली:

भाषा की अनिवार्यता पर रेलवे के MoS सुरेश अंगड़ी ने कहा,हिंदी एक राष्ट्रीय भाषा है. अगर हमें दूसरे राज्यों के साथ बातचीत करना है तो हिंदी की जरूरत है. अगर मुझे आज हिंदी नहीं आती तो मैं संसद में नहीं बोल सकता था. हिंदी राष्ट्रीय भाषा है और इसे सीखने के लिए कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. सभी भाषाओं को सीखना चाहिए. लेकिन हमें अपनी मातृभाषा कन्नड़ का सम्मान करना चाहिए.

वहीं दक्षिण भारत के राज्यों की नाराजगी के बाद मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्रालय ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के मसौदे से हिंदी के अनिवार्य शिक्षण को हटा दिया. संशोधित मसौदे में भाषाओं को अनिवार्य नहीं किया गया है, जिसे छात्र माध्यमिक स्कूल स्तर पर अध्ययन के लिए विकल्प के रूप में चुन सकते हैं.

तीन भाषाओं के अध्ययन की वकालत करते हुए संशोधित संस्करण का अब शीर्षक 'त्रिभाषा फार्मूला में लचीलापन' है और इसमें छात्र के अध्ययन वाली भाषा को सटीक तौर पर नहीं बताया गया है. यह सामान्य रूप से बताता है कि छात्र के पास तीन भाषा पढ़ने का विकल्प होगा, जिसमें से एक भाषा साहित्यिक स्तर पर होगी.