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भारत में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को मिलेंगे इतने करोड़

EWS आरक्षण के लागू होने के बाद सभी उच्च शिक्षा संस्थानों की सीटों 25 फीसदी का इजाफा होना है. इस तरह, 158 केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में दो लाख से अधिक अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जानी हैं.

Updated on: 16 Apr 2019, 08:55 AM

नई दिल्ली:

केन्द्रीय उच्च संस्थानों को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के फैसले से संस्थानों में सीटों के इजाफों पर होने वाले खर्च की अनुमति मिल गई है. केन्द्रीय कैबिनेट ने सोमवार को इसकी प्रतिपूर्ति के लिए 4315.15 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय कैबिनेट द्वारा दी गई इस धनराशि में से 158 उच्च शिक्षा संस्थानों को सहायता की जाएगी जिनमें केंद्रीय विश्वविद्यालयों, एनआईटी और आईआईटी जैसी संस्थाएं भी शामिल हैं.

EWS आरक्षण के लागू होने के बाद सभी उच्च शिक्षा संस्थानों की सीटों 25 फीसदी का इजाफा होना है. इस तरह, 158 केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में दो लाख से अधिक अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जानी हैं. IIT IIM, NIT, IISER और केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत सभी केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने 2.15 लाख अतिरिक्त सीटों के लिए 5676 करोड़ रुपये की सहायता मंत्रालय से मांग की थी.

बाद में मंत्रालय ने इस बजट में थोड़ा काट-छांट करते हुए 4315.15 करोड़ रुपयों की सहायता के लिए फरवरी में लिखा था, हालांकि तत्कालीन कैबिनेट की बैठक में इस नोट को जगह नहीं मिल पाई और 10 मार्च के बाद से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. मीडिया के सूत्रों की मानें तो HRD मिनस्ट्री ने इस प्रस्ताव के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी, जिसकी अनुमति के बाद सोमवार को PM मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.