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Goa में रातभर चला 'हाई वोल्टेड ड्रामा', सहयोगी दल का बीजेपी में हुआ विलय

सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा की सियासत में हाई वोल्टेड ड्रामा देखने को मिल रहा है.

Updated on: 27 Mar 2019, 07:47 AM

नई दिल्ली:

सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा की सियासत में हाई वोल्टेड ड्रामा देखने को मिल रहा है. मंगलवार देर रात करीब 1:45 बजे बीजेपी में सहयोगी दल का विलय हो गया. आधी रात बाद महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दो-तिहाई विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गए और कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने का फैसला किया है.

गोवा में एमजीपी के दो विधायक मनोहर आजगांवकर और दीपक पाऊसकर बीजेपी में शामिल हो गए. एमजीपी (MGP) के 3 विधायक थे, जिसका 2/3 मतलब 2 विधायक बीजेपी में मिल गए. इसके साथ ही सदन में बीजेपी के 14 विधायक हो गए हैं. कुल तीन विधायकों वाली इस पार्टी के दो विधायकों ने अपने हस्ताक्षर का पत्र भी स्पीकर माइकल लोबो को सौंपा. इसमें एकमात्र जिस विधायक का हस्ताक्षर नहीं रहा, वह इस वक्त बीजेपी सरकार में सहयोगी दल के कोटे से डिप्टी सीएम सुदिन धवलीकर हैं.

नियमों के मुताबिक, अगर किसी पार्टी के दो-तिहाई विधायक अलग होकर दल बनाते हैं तो उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता और जिससे उनकी सदस्यता रद्द नहीं होती. बताया जा रहा है कि एमजीपी के कुल तीन में से दो विधायकों के अलग होने के कारण इस मामले में अब दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती.

दरअसल, एमजीपी विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा. कहा कि हम महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का बीजेपी में विलय करने के लिए सहमत हैं. एमजीपी में कुल तीन विधायक हैं, जिसमें हम दो-तिहाई सदस्यों ने यह फैसला किया है. गोवा के डिप्टी स्पीकर और बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने एमजीपी के टूटने की पुष्टि करते हुए कहा कि दो तिहाई विधायकों ने अलग पार्टी बनाकर बीजेपी में विलय कर लिया है.

संविधान के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एमजीपी के विलय पर कहा कि पार्टी के दो विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक ने बीजेपी ज्वॉइन किया है, ताकि सरकार को स्थिरता मिल सके. अब बीजेपी का संख्या बल 14 तक पहुंच गया है.