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कुलभूषण जाधव के समर्थन में वकील हरीश साल्वे ने ICJ में पेश की दलीलें, जानें 10 POINTS में

हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई जारी है. वकील हरीश साल्वे अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारत और कुलभूषण जाधव का पक्ष रख रहे हैं.

Updated on: 18 Feb 2019, 07:10 PM

नई दिल्ली:

हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई हुई. वकील हरीश साल्वे अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारत और कुलभूषण जाधव का पक्ष रखा. आज की सुनवाई में भारत के वकील हरीश साल्वे भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को काउंसुलर एक्सेस देने की लगातार मांग की. कोर्ट की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी गई है. पाकिस्तान ने जाधव को अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई गई जिसके बाद भारत ने आईसेजी का दरवाजा खटखटाया था. 10 सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की खंडपीठ ने पाकिस्तान को मामले पर फैसले होने तक फांसी देने से रोक लगा दी थी. 10 प्वाइंट्स में जानें भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में जाधव और भारत के समर्थन में कही यह बातें- 

1) यह वियना कन्वेंशन (Vienna Convention) का गंभीर उल्लंघन है, काउंसुलर एक्सेस के बिना जाधव की निरंतर हिरासत को गैरकानूनी घोषित किया जाए: हरीश साल्वे

2) इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान प्रोपगेंडा के तहत इसका इस्तेमाल कर रहा था. पाकिस्तान बिना देर किए काउंसुलर एक्सेस देना चाहिए था.
हरीश साल्वे

3) भारत ने 30 मार्च 2016 को जाधव के लिए काउंसुलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान से कई बार अनुरोध किया लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला. भारत ने पाकिस्तान को अलग-अलग तारीखों पर 13 रिमाइंडर भेजे थे: हरीश साल्वे

4) जाधव की कथित स्वीकारोक्ति साफ तौर पर सहमी (डर में दिया गया बयान) हुई प्रतीत होती है. भारत पाकिस्तान को याद दिलाना चाहता है कि यही पाकिस्तान सरकार है जिसने आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता पर सार्क सम्मेलन की बातों को मानने से इनकार कर दिया था: हरीश साल्वे

5) पाकिस्तान ने जाधव के परिवार को अपनी शर्तों पर उससे मिलने का मौका दिया. यह मुलाकात 25 दिसंबर 2017 को हुई थी. लेकिन जिस तरीके से उन्हें मिलाया गया और जो व्यवहार किया गया उस पर भारत ने 25 दिसंबर को ही चिट्ठी लिखकर निराशा जताई थी: हरीश साल्वे

6) पाक को इस बात के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए कि जाधव को काउंसुलर एक्सेस देने के लिए 3 महीने की जरूरत क्यों पड़ी, अगर सार्क कन्वेंशन और ट्रीटी के पैरा-4 को देखें तो ये साफ़ है कि पाकिस्तान की तरफ से प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया गया. : हरीश साल्वे

7) अगर आर्टिकल 36 सभी मामलों में काउंसुलर एक्सेस का अधिकार देता है, जिसमें इस तरह के आरोप भी शामिल हैं, तो उन अधिकारों का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है: हरीश साल्वे

8) पाकिस्तान के आचरण से ऐसा विश्वास प्रतीत नहीं होता कि जाधव को वहां न्याय मिल सकता है. एक भारतीय पाकिस्तान की हिरासत में है जिसे सार्वजनिक तौर पर बलूचिस्तान में अशांति फ़ैलाने भारतीय एजेंट और आतंकी के रूप में दिखाया गया है. भारत के खिलाफ एक कहानी बनाने के लिए  पाक ने जाधव का इस्तेमाल किया: हरीश साल्वे

9) भारत ने हमेशा पाकिस्तान नागरिकों को कॉउंसलर एक्सेस दी, जबकि उसके नागरिक रंगे हाथ आतंकवाद के मामलों में पकड़े गए. ये बात अलग है, पाक ने ऐसा कभी नहीं किया.पाकिस्तान की मिलट्री कोर्ट की कार्यवाही अंतररष्ट्रीय मापदंडों की सरेआम अनदेखी है: हरीश साल्वे

10) पाक ने बाकायदा आम नागरिकों पर केस चलाने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव किया .यही मिलट्री कोर्ट अब तक बेहद अपारदर्शी तरीके से 161 नागरिकों को फांसी की सज़ा सुना चुकी है: हरीश साल्वे

इस मामले में जाने-माने वकीलहरीश साल्वे भारत का प्रतिनिधित्व रख रहे हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता खावर कुरैशी 19 फरवरी को पाकिस्तान का पक्ष रखेंगे. इसके बाद भारत 20 फरवरी को इस पर अपना जवाब देगा. पाकिस्तान 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा

कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान ने कहा था कि वह साधव व्यक्ति नहीं है. जासूसी और बलूचिस्तान में नुकसान पहुंचने के इरादे से देश में प्रवेश किया था. भारत पाकिस्तान के आरोपों से इंकार करता आया है. पाकिस्तान के अधिकारियों के अनुसार, जाधव को कथित तौर पर 3 मार्च, 2016 को अवैध रूप से ईरान से पाकिस्तान में दाखिल होने पर गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान ने 25 दिसंबर 2017 को इस्लामाबाद में जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात कराई थी. आईसीजे में यह सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब चार दिन पहले जम्मू कश्मीर में हुए भीषण आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.