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Happy Children Day 2019: बाल दिवस पहले 14 को नहीं, इस दिन मनाया जाता था, पढ़ें नेहरू जी की 5 प्रेरक कहानी

बच्चों के प्रति जागरूक करना है. जिससे सभी लोग अपने बच्चे को सही दिशा दे सके. हर बच्चे को शिक्षा मिले

Updated on: 13 Nov 2019, 11:55 PM

नई दिल्ली:

बाल दिवस जिसे हम चिल्ड्रेन डे के नाम से भी जानते हैं. देश में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. उनका जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था. नेहरू जी को बच्चों से काफी लगाव था. जिसके चलते उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. बच्चे प्यार से उनको चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. बाल दिवस नेहरू जी का बच्चों के प्रति प्रेम को दर्शाता है. बाल दिवस पूरे विश्व भर में अलग-अलग दिन मानाया जाता है,

उद्धेश्य

इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को बच्चों के प्रति जागरूक करना है. जिससे सभी लोग अपने बच्चे को सही दिशा दे सके. हर बच्चे को शिक्षा मिले. बच्चे अपना भविष्य संवार सके. जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे. उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य है. उनका कहना था कि बच्चों को प्यार दिया जाए और उनकी देखभल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें.

महत्व

भारत में बाल दिवस का महत्त्व काफी है. जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे. उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं. बच्चे की भविष्य संवारने के लिए, बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. ताकि बच्चे को अपना अधिकार मिले.

शुरुआत

नेहरू जी को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे. बच्चों के प्रति उनके प्यार और स्नेह को ध्यान में रखते हुए उनके निधन के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया.

बाल दिवस का इतिहास

बाल दिवस सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में मनाया जाता है. वहीं विश्व बल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है. पहले भारत में भी चिल्ड्रेन डे 20 नवंबर को ही मनाया जाता था. लेकिन नेहरू जी के निधन के बाद बाल दिवस 20 नवंबर की जगह 14 नवंबर को मनाया जाने लगा. 1964 से हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाना शुरू किया गया.

नेहरू जी से जुड़ी प्रेरक कहानी

1. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और 6 बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने.

2. हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 1912 में नेहरूजी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की. नेहरूजी 9 अगस्त 1942 को बंबई में गिरफ्तार हुए और अहमदनगर जेल में रहे.

3. आजादी के पहले गठित अंतरिम सरकार में और आजादी के बाद 1947 में भारत के प्रधानमंत्री बने और 27 मई 1964 को उनके निधन हो गया.

4. नेहरू जी का मुख्य उद्धेश्य लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, देश की अर्थव्यवस्था को सुचारु करना था.

5. पंडित नेहरू 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में घायल हुए थे. 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार हुए.