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Happy Birthday Ratan Tata: 82 साल के हो गए टाटा समूह के 'रत्‍न' रतन टाटा, जानें उनका पूरा सफर

रतन टाटा टाटा स्‍टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा पावर, टाटा ग्‍लोबल बिवरेज, टाटा केमिकल, ताज ग्रुप और टाटा टेलीसर्विसेस के अध्‍यक्ष की जिम्‍मेदारी संभाल चुके हैं.

Updated on: 28 Dec 2019, 05:24 PM

नई दिल्ली:

आज पद्म विभूषण रतन नवल टाटा का जन्मदिन है. बिजनेस के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम है. रतन टाटा वास्तव में टाटू ग्रुप के रत्न हैं. उन्होंने टाटा ग्रुप को अपनी अगुवाई में बुलंदी पर पहुंचाया. आज भी टाटा ग्रुप को मजबूती देने में काफी एक्टिव रहते हैं. वे आज 82 साल के हो गए हैं. फिर भी अपने समूह के प्रति काफी सक्रिय रहते हैं. उनके कार्यकाल के दौरान 2011-12 में टाटा समूह के राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई थी. भारत सरकार ने 2008 में उन्हें दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.

टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन हैं रतन टाटा

रतन टाटा का जन्‍म 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत में पारसी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम सोनू टाटा था. उनके पिता ने दो शादियां की थीं. उनकी सौतेली मां का नाम सिमोन टाटा था. नोएल टाटा उनके सौतेले भाई हैं. कॉर्नेल औ हार्वर्ड विश्‍वविद्यालय से उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने के बाद उन्‍होंने टाटा समूह में हाथ बंटाना शुरू किया. वे टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन हैं.

रतन टाटा 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन बने 

रतन टाटा 1962 में टाटा समूह में शामिल हुए थे. 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया और इसे बदलने की जिम्मेदारी मिली. रतन टाटा वर्तमान में एल्को के निदेशक मंडल में के साथ मित्सुबिशी कॉरपोरेशन, जेपी मॉर्गन चेस, रोल्स रॉयस और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड में शामिल हैं. रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन बने थे. उन्‍होंने अपनी मेहनत से टाटा समूह की छवि बदल दी और बुलंदियों पर पहुंचाया. एक के बाद एक सफलता हासिल करते हुए 1998 में टाटा मोटर्स की टाटा इंडिका बाजार में उतरी थी. वर्ष 2007 में रतन टाटा की अगुवाई में ही टाटा संस ने जापान के कोरस समूह का अधिग्रहण किया. मार्च 2008 में रतन टाटा की अगुवाई में ही फोर्ड मोटर कंपनी से जगुआर और लैंड रोवर को टाटा मोटर्स ने खरीदा था. 

2008 में नैनो कार बाजार में किया लॉन्च

रतन टाटा ने उनलोगों के लिए भी सोचा, जो कार खरीदने की तो सोचते हैं, लेकिन खरीद नहीं पाते हैं. आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण लोग कार तक पहुंच नहीं पाते हैं. इसलिए रतन टाटा ने उनलोगों को ध्यान में रखते हुए लखटकिया नैनो कार बाजार में लॉन्च किया. रतन की ड्रीम कार नैनो वर्ष 2008 में बाजार में आई.

मुकेश अंबानी से ज्यादा संपत्ति है टाटा संस के पास

रिलायंस इंडस्ट्री के संस्थापक धीरूभाई अंबानी का भी आज जन्मदिन है. लंबे अरसे से इंडियन इंडस्ट्री और 108 कंपनियों वाले टाटा संस को नए मुकाम पर पहुंचाने के बाद भी लोगों को इस बात से हैरानी होती है कि रतन टाटा देश के अमीरों की लिस्ट में शामिल क्यों नहीं हैं? रतन टाटा, मुकेश अंबानी से ज्यादा अमीर नहीं हैं जबकि टोटल एसेट्स के मामले में टाटा संस, रिलायंस इंडस्ट्रीज से ज्यादा बड़ा ग्रुप है. टाटा संस को टाटा ट्रस्ट की ओर से चलाया जाता है और यह सभी जानते हैं कि ट्रस्ट पर किसी एक व्यक्ति का अधिकार नहीं होता है. टाटा फैमिली से जुड़ा होने के कारण रतन टाटा इसके चेयरमैन या ट्रस्टी तो हो सकते हैं लेकिन इसके मालिक नहीं क्योंकि टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की हिस्सेदारी 66 फीसदी है.