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Happy Birthday : राम मंदिर के लिए अलख जगाया था लालकृष्‍ण आडवाणी ने, लालू प्रसाद यादव ने करा लिया था गिरफ्तार

भारतीय जनता पार्टी के भीष्‍म पितामह लालकृष्‍ण आडवाणी आज 91वें जन्‍मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास पर जाकर उन्‍हें बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा, “राष्‍ट्र निर्माण में लालकृष्‍ण आडवाणी का बहुत बड़ा योगदान है. मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल की प्रशंसा जनपक्षधर नीतियों के लिए की जाती है. उनकी विद्वता की प्रशंसा सभी राजनीतिज्ञ करते हैं.’’

Updated on: 08 Nov 2018, 02:14 PM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के भीष्‍म पितामह लालकृष्‍ण आडवाणी आज 91वें जन्‍मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास पर जाकर उन्‍हें बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा, “राष्‍ट्र निर्माण में लालकृष्‍ण आडवाणी का बहुत बड़ा योगदान है. मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल की प्रशंसा जनपक्षधर नीतियों के लिए की जाती है. उनकी विद्वता की प्रशंसा सभी राजनीतिज्ञ करते हैं.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीजेपी के कई अन्‍य मंत्रियों और नेताओं ने आडवाणी को शुभकामनाएं दीं. आडवाणी को भारतीय जनता पार्टी को शीर्ष पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है. उन्‍हीं के संघर्ष की बदौलत पार्टी लोकसभा में 2 से आज 282 सीटों पर पहुंच गई है.

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार जाने के बाद लंबे समय तक लाल कृष्‍ण आडवाणी पीएम इन वेटिंग का उपनाम लिए हुए सत्‍ता पाने का इंतजार करते रहे. हालांकि वह असफल रहे. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्‍हें बाकायदा प्रधानमंत्री पद का उम्‍मीदवार घोषित किया था, पर बीजेपी और एनडीए बहुमत से काफी दूर रह गई और मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व में यूपीए की दोबारा सरकार बनी थी.

पाकिस्तान के कराची शहर में एक हिंदू सिंधी परिवार में लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार मुंबई आकर बस गया, जहां के लॉ कॉलेज से उन्होंने स्नातक किया. हालांकि उनकी प्रारंभिक शिक्षा कराची में हुई. उनके पिता का नाम कृष्णचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी था. आडवाणी ने कमला आडवाणी से 1965 में शादी की, जिनसे दो बच्चे जयंत और प्रतिभा हुए.

वर्ष 1941 में मात्र 14 साल की उम्र में आडवाणी संघ के प्रचारक बने. 1951 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की, तो आडवाणी फाउंडर मेंबर बने. संघ के लिए राजस्‍थान में काम करते वक्‍त उनकी अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात हुई और दोनों में दोस्‍ती हो गई. 16 अगस्त को जब वाजपेयी का निधन हुआ तो आडवाणी ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा था मेरा दोस्त नहीं रहा, 65 साल का साथ छूट गया. अटल बिहारी वाजपेयी आडवाणी को लालजी कहकर पुकारते थे, हालांकि इनके बीच कई बार मतभेद हुए बावजूद इसके मनभेद इनके बीच कभी नहीं हुआ.

1990 के दशक में रामजन्मभूमि आंदोलन के समय आडवाणी ही पार्टी के चेहरा थे. आडवाणी रथयात्रा के लिए प्रसिद्ध हैं. राम मंदिर आंदोलन के समय भी उन्‍होंने रथयात्रा निकाली थी. इसका बहुत फायदा मिला था. हालांकि बिहार के समस्तीपुर में 25 सितंबर 1990 को लालू यादव की सरकार के आदेश पर आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया था. इस घटना ने देश की राजनीति को हिलाकर रख दिया था.