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भारतीय वायुसेना की ताकत होगी दोगुनी, खरीदेगी 83 तेजस, HAL को मिला 45000 करोड़ का ऑर्डर

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 83 तेजस, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) बनाने के लिए 45 हजार करोड़ का ऑर्डर मिलने की संभावन है.

Updated on: 06 Sep 2019, 08:21 PM

नई दिल्ली:

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 83 तेजस, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) बनाने के लिए 45 हजार करोड़ का ऑर्डर मिलने की संभावन है. भारतीय वायुसेना दो साल पहले 83 लड़ाकू तेजस हेलीकॉप्टरों का टेंडर जारी किया था लेकिन कीमतों को लेकर ये सौदा अटक गया था. एचएएल ने जो कीमत सरकार और एयरफोर्स से मांगी थी वो थोड़ा ज्यादा होने की वजह से सौदा नहीं हो पाया था.

अगले कुछ हफ्तों में विमानों के लिए दिया जाएगा आदेश
वरिष्ठ रक्षा सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की लागत समिति ने 83 एलसीए मार्क 1 ए विमान की लागत लगभग 45,000 करोड़ रुपये निर्धारित की है और भारतीय वायु सेना को अब अगले कुछ हफ्तों में इन विमानों के लिए आदेश देने की उम्मीद है.

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डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है विमान

हल्के लड़ाकू विमान को पूरी तरह से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है. इस साल की शुरुआत में DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने एयरो-इंडिया में LCA के लिए IAF और रक्षा मंत्रालय के लिए अंतिम परिचालन मंजूरी (IOC) प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था.

निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में पैदा होगी नौकरियां

सूत्रों ने बताया कि यह किसी भी भारतीय फर्म के लिए अपनी तरह का पहला आदेश होगा और यह स्वदेशी रक्षा उद्योग के लिए प्रमुख बढ़ावा देगा. 45,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर का 65 प्रतिशत से अधिक धन देश के भीतर ही रहेगा और निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में नौकरियों के सृजन में मदद करेगा.

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2023 में विमान बनने की संभावना

रक्षा मंत्रालय द्वारा दो साल पहले दी गई आवश्यकता की मंजूरी 50,000 करोड़ रुपये दी थी, लेकिन मंत्रालय की लागत समिति द्वारा निर्धारित मूल्य को लगभग 45,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था. पहला लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (LCA) मार्क 1ए (Mark 1A ) विमान 2023 में बनने की संभावना है. एचएएल अगले 36 महीनों में पहला एलसीए मार्क 1ए प्लेन वायुसेना को देगी. इसमें नई तकनीक और नया रडार सिस्टम होगा. पहले चरण में करीब 40 एयरक्राफ्ट मुहैया करवाए जाएंगे.