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अयोध्या फैसले में गुरु नानक देव के अयोध्या प्रवास की गवाही भी आई काम

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पेज नंबर 63 पर एक गवाह राजेन्द्र सिंह के बयान का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक गुरु नानक देव ने अयोध्या जाकर 1510-11 के बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए थे.

Updated on: 11 Nov 2019, 03:48 PM

highlights

  • गुरु नानक देव ने 1510-11 के बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए थे.
  • ये समय बाबर के भारत में आक्रमण से 1526 से बहुत पहले का है.
  • गुरु तेगबहादुर और गुरु गोबिंद सिंह ने भी अयोध्या के दर्शन किए थे.

New Delhi:

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पेज नंबर 63 पर एक गवाह राजेन्द्र सिंह के बयान का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक गुरु नानक देव ने अयोध्या जाकर 1510-11 के बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए थे. ये समय बाबर के भारत में आक्रमण से 1526 से बहुत पहले का है.  पेज नंबर 64 के मुताबिक गवाह राजेन्द्र सिंह ने कई जन्मसाखी का हवाला दिया, जिसमें गुरुनानक देव के अयोध्या आगमन और श्रीराम जन्म मंदिर के दर्शन का जिक्र है. बाद में गुरु तेगबहादुर और गुरु गोबिंद सिंह ने भी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए थे.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मानी थी गवाही

राजेन्द्र सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में सूट नंबर 4 यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड में नंबर 2 के गवाह के रूप में पेश हुए थे. उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि 1528 में बाबरी मस्जिद के तामीर होने से पहले से ही गुरुनानक देवजी समेत तमाम तीर्थयात्री अयोध्या आकर रामजन्मभूमि के दर्शन करते रहे हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज सुधीर अग्रवाल ने भी अपने फैसले में इसका जिक्र किया था. ऊपर की पंक्तियों में सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र किया है.

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क्रॉस एग्जामिनेशन में भी हुई चर्चा

क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान सिख धर्म की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक किताबें पढ़ने वाले राजेन्द्र सिंह नाम के एक गवाह ने सिख धर्म और इतिहास के लिए कई किताबों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान के दर्शन किए थे. जज ने स्वीकार किया कि हिंदुओं में भगवान राम की जन्मभूमि के स्थान की मान्यता धार्मिक कलाकृतियों और रामायण तथा स्कंद पुराण समेत पवित्र पुस्तकों से बनी है.