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Kartarpur Corridor : करतारपुर गलियारा खुलने के साथ इतिहास का साक्षी बनने को तैयार पंजाब

पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक आज यानि कि शनिवार को इतिहास रचेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे.

Updated on: 09 Nov 2019, 08:03 AM

पंजाब:

पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक आज यानि कि शनिवार को इतिहास रचेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करतारपुर गलियारे (Kartarpur Corridor) का उद्घाटन करेंगे. इस गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए सिख तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना होगा. यह सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 12 नवंबर को होने वाले 550वें प्रकाशोत्सव (Guru Nanak 550th Birth Anniversary) के अवसर पर होने जा रहा है. यह अवसर 72 वर्षों के बाद आया है जब श्रद्धालु भारत से पाकिस्तान जाकर आसानी से करतारपुर साहिब में मत्था टेक सकेंगे.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल शनिवार को करतारपुर साहिब का दौरा करेगा. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी करतारपुर गलियारे की एकीकृत चेक पोस्ट का उद्घाटन करेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी सुल्तानपुर लोधी शहर के बेर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकेंगे.

मनमोहन सिंह के अलावा प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, आर. पी. एन. सिंह, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा और जितिन प्रसाद शामिल होंगे. इसके अलावा पंजाब राज्य के सभी विधायक और सांसद भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेंगे.

इस सप्ताह उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में हुए पंजाब विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि करतारपुर मॉडल दोनों पड़ोसियों के बीच भविष्य के टकराव को हल करने में मदद करेगा.

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डेरा बाबा नानक में दूरदराज के क्षेत्रों से लेकर विदेशों से भी तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. तीर्थयात्रियों की भीड़ को समायोजित करने के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं. यहां 30 एकड़ जमीन को एक टेंट वाले सुसज्जित शहर में बदल दिया गया है.

तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए इस शहर में यूरोपीय शैली के कुल 544 टेंट और 100 स्विस कॉटेज तैयार की गई हैं. इसके अलावा दरबार शैली के 20 आवास भी ऐतिहासिक समारोह से पहले पूरी तरह तैयार कर दिए गए हैं.

यहां मुख्य पंडाल में 30,000 तीर्थयात्रियों की क्षमता है. 11 नवंबर तक डेरा बाबा नानक उत्सव के दौरान यहां प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है. 'लंगर' हॉल को एक समय में 1,500 लोगों को खाना खिलाने के लिहाज से तैयार किया गया है, जिसमें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रसोई घर है.

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टेंट के बसाए गए इस शहर के प्रोजेक्ट में 4.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें 3,544 लोगों के आवास की सुविधा है. इसकी अन्य विशेषताओं में एक पंजीकरण कक्ष, एक 'जोडा घर', एक क्लॉकरूम, एक वीआईपी लाउंज और एक फायर स्टेशन शामिल हैं. बुकिंग और पंजीकरण मुफ्त है और इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है.