जेटली ने महबूबा मुफ्ती से कहा, चुन लीजिए अलगाववादियों के रास्ते पर चलना है या...
अरुण जेटली ने जम्मू-कश्मीर में देर से पास हुए जीएसटी पर कहा की मैंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पत्र लिखा था और कहा था कि अगर जीएसटी लागू नहीं होता है तो इससे नुकसान उठाना पड़ेगा।
highlights
- अरुण जेटली ने मुफ्ती से कहा, आप चुन लीजिए की अलगाववादियों के रास्ते पर चलना है या नागरिकों की मदद करनी है
- जेटली ने कहा कि अगर जीएसटी लागू नहीं होता है तो इससे नुकसान उठाना पड़ेगा
- जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दल और अलगाववादी नेता जीएसटी का कर रहें विरोध
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जम्मू-कश्मीर में देर से पास हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर कहा की मैंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पत्र लिखा था और कहा था कि अगर जीएसटी लागू नहीं होता है तो इससे नुकसान उठाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, 'आप (जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती) चुन लीजिए की अलगाववादियों के रास्ते पर चलना है या अपने राज्य के नागरिकों की मदद करनी है।' आपको बता दें की जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता जीएसटी का विरोध कर रहे हैं।
उनका कहना है कि जीएसटी लागू होने से जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता खत्म हो जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, 'मैंने जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती को लिखा और कहा की अगर आप जीएसटी लागू नहीं करती हैं तो इसका असर देखना।'
उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ताओं को भी लगे की भारत के साथ ये आर्थिक विलय हमारे हित में है। इसका हमें लाभ होगा।'
Aap (J&K CM) chun lijiye ki alagwadion ke raste par chalna hai ya apne rajya ke nagrikon ki madad karni hai: FM Arun Jaitley
— ANI (@ANI_news) July 6, 2017
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के पारित होने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के एकीकरण का सपना सच हो गया।
नई दिल्ली में तालकटोरा स्टेडियम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, 'सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश के भौगोलिक एकीकरण के लिए काम किया और उसे पूरा किया। लेकिन देश में आर्थिक नियम-कानून हर राज्य के लिए अलग-अलग बने हुए थे। 70 वर्षो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहद लगन के साथ काम किया और सभी राज्यों को 17 अलग-अलग तरह के करों और 23 तरह के अधिभारों को खत्म करने तथा जीएसटी को अपनाने के लिए सहमत किया।'
जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को भारी हंगामे के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रस्ताव को पारित किया था।
विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने जीएसटी का विरोध करते हुए कहा था कि प्रस्ताव पारित करने से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष राज्य के दर्जे के तहत प्रदेश की वित्तीय स्वायत्तता खत्म हो जाएगी।
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