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सरकार ने स्वीकार किए स्वामीनाथन आयोग के 200 सुझाव : तोमर

स्वामीनाथन आयोग ने दिसंबर 2004, अगस्त 2005, दिसंबर 2005 और अप्रैल 2006 में क्रमश: चार रिपोर्ट सौंपी थी

Updated on: 13 Dec 2019, 04:00 AM

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को बताया कि स्वामीनाथन आयोग के 201 सुझावों में से 200 सुझावों को सरकार ने स्वीकार किया है, जिसमें किसानों को उनकी फसलों की लागत से 50 फीसदी ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देना भी शामिल है. देशभर के किसानों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए प्रोफेसर एम.एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में 18 नवंबर 2004 में एक आयोग का गठन किया गया था जिसे स्वामीनाथन आयोग कहा जाता है. स्वामीनाथन आयोग ने दिसंबर 2004, अगस्त 2005, दिसंबर 2005 और अप्रैल 2006 में क्रमश: चार रिपोर्ट सौंपी थी और अंतिम रिपोर्ट चार अक्टूबर 2006 को सौंपी गई थी, जिसमें फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने समेत किसानों की दशा सुधारने के लिए किए जाने वाले उपायों के सुझाव दिए गए थे.

तोमर ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित 22 फसलों के एमएसपी में विगत वर्षो के दौरान वृद्धि की है. कृषि मंत्री लोकसभा में नियम 193 के तहत 'फसलों की क्षति और किसानों पर उसका प्रभाव' के तहत बहस का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार ने किसानों की मदद के कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना शुरू की है जिसके तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं.

किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के मसले पर तोमर ने बताया कि सरकार ने इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत कृषि एवं बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जो दिया जा रहा है. उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि बीते पांच साल के दौरान खाद्यान्नों और बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए भी सरकार काम कर रही है. उन्होंने गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया.

उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का जिक्र करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत 260 स्कीमें हैं जिनमें से 164 कृषि से संबंधित हैं. तोमर ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए केंद्र सरकार ने इस साल 2019-20 के बजट में 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.