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9 घंटे सोने की नौकरी, 1 लाख रुपये सैलरी देगी यह कंपनी

कर्नाटक (Karnataka) स्थित बेंगलुरु (Bengaluru) की एक ऑनलाइन फर्म वेकफिट (Wakefit) ने भी कुछ ऐसी ही नौकरी निकाली है. वह 100 दिनों तक हर रोज रात में 9 घंटे सोने वाले शख्स को 1 लाख रुपये देगी.

Updated on: 29 Nov 2019, 06:09 PM

बैंगलुरु:

अगर आपको ऐसी नौकरी मिले जिसमें आपको सिर्फ सोने की ही सैलरी मिले तो इससे अच्छा क्या हो सकता है. ऊपर से सैलरी भी एक लाख रुपये हो तो सोने पे सुहागा. जी हां, इसमें हैरानी की बात नहीं है. बेंगलुरू की एक कंपनी ऐसी नौकरी ऑफर कर रही है जिसमें आपको सिर्फ सोना पड़ेगा. अब तक अमेरिकी (America) स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) अपने स्पेस स्टडी प्रोग्राम के तहत दो महीने सोने के लिए 14 लाख रुपये देती है.
इसी को देखते हुए कर्नाटक (Karnataka) स्थित बेंगलुरु (Bengaluru) की एक ऑनलाइन फर्म वेकफिट (Wakefit) ने भी कुछ ऐसी ही नौकरी निकाली है. वह 100 दिनों तक हर रोज रात में 9 घंटे सोने वाले शख्स को 1 लाख रुपये देगी. कंपनी ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी मांगे हैं. ऑनलाइन स्लीप सॉल्यूशन फर्म ने अपने इस प्रोग्राम को वेकफिट स्लीप इंटर्नशिप (Sleep internship) का नाम दिया है.

नौकरी के लिए ऐसे होगा चयन
कंपनी ने नौकरी के लए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं. कंपनी की ओर से जिन आवेदकों को शार्टलिस्ट किया जाएगा उन्हें अपनी एक वीडियो बनाकर भेजनी होगी जिसमें यह दिखाना होगा कि उन्हें कितनी अच्छी नींद आती है. सेलेक्टेड उम्मीदवार कंपनी के गद्दे पर सोएंगे. इसके साथ ही वे स्लीप ट्रैकर और विशेषज्ञों के साथ काउंसलिंग सेशन में भाग भी लेंगे.

नींद की हर गतिविध पर रहेगी नजर
कंपनी उम्मीदवार को सोने के दौरान उसकी हर गतिविधि का रिकॉर्ड भी रखेगी. इस प्रक्रिया में एक स्लीप ट्रैकर का भी इस्तेमाल होगा जो इंटर्नशिप के लिए दिए गए गद्दे पर सोने जाने से पहले और सोने के बाद का पैटर्न रिकॉर्ड करेगा. खुशी की बात यह है कि इस नौकरी में आपको न तो अपनी नौकरी छोड़ने की जरूरत होगी और न ही घर के बाहर निकलने की. बस आपको घर में ही कंपनी के गद्दों पर सोना है और अपनी स्लीपिंग पैटर्न रिकॉर्ड कर कंपनी को देना है.

कंपनी का कहना है कि हमारी कोशिश है कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को सुकून की नींद के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. कंपनी के निदेशक और को-फाउंडर चैतन्य रामलिंगगौड़ा ने बताया कि लोगों की लाइफ स्टाइल तेजी से बदल रही है. लोगों की नींद लगातार कम होती जा रही है. इससे लोगों को स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा रहा है.