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किसी भूत ने नहीं किया लोकसभा चुनाव में मतदान, चुनाव आयोग ने खारिज किए सारे आरोप

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एमवी गौतम ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में ईवीएम में दर्ज हुए वोटों और वीवीपैट की पर्चियों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई.

Updated on: 01 Jun 2019, 07:54 PM

highlights

  • बीईएल ने कहा ईवीएम में दर्ज वोटों और वीवीपैट पर्चियों में कोई गड़बड़ी नहीं.
  • भारत में लोकतंत्र ईवीएम के जरिए ही जिंदा रहा सकता है.
  • ईवीएम पर शक करने वाला 45 दिनों के अंदर कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र.

नई दिल्ली.:

चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Elections 2019) में सारे के सारे वोट इंसानों ने ही डाले थे... किसी भूत ने नहीं. निर्वाचन आयोग का यह स्पष्टीकरण उस आरोप की प्रतिक्रिया में था जिसमें कहा गया था कि डाले गए कुल वोटों और मतगणना के दौरान गिने गए वोटों की संख्या में अंतर था. दूसरी तरफ बेंगलुरु में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (CMD) एमवी गौतम ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में ईवीएम में दर्ज हुए वोटों और वीवीपैट की पर्चियों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई.

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किसी तरह की गड़बड़ी का कोई मामला नहीं
बेंगलुरु में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमवी गौतम ने कहा, 'हाल में हुए लोकसभा चुनाव (General Elections 2019) में ईवीएम और वीपीपैट मशीन के वोटों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई. यहां तक कि किसी तरह की गड़बड़ी का एक मामला भी सामने नहीं आया.' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'ईवीएम (EVM) से छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है. बीईएल रिकॉर्ड दर्ज कर चुका है कि ईवीएम और वीपीपैट (VVPat) के वोटों में एक भी गड़बड़ी नहीं पाई गई. ईवीएम को लेकर चल रहे सभी विवाद अब खत्म हो गए हैं. राजनीतिक पार्टियां (Political Parties) भी जानती हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है.'

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भारत में लोकतंत्र ईवीएम से ही जिंदा रह सकता है
ईवीएम के जरूरत को समझाते हुए गौतम ने कहा, 'यहां तक कि भारत में लोकतंत्र (Democracy) ईवीएम के जरिए ही जिंदा रहा सकता है. वीपीपैट मशीन के साथ ईवीएम ने ये सुनिश्चित किया कि चुनावों में कोई हेराफेरी (Fudging) नहीं हुई. यहां तक कि अगर हेराफेरी होती है तो इसे पकड़ा जा सकता है. लेकिन हम अगर बैलेट (Ballot Paper) का प्रयोग करते हैं तो हेराफेरी के मामलों में कुछ नहीं किया जा सकता.'

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ईवीएम पर शक करने वाले जा सकते हैं कोर्ट
उन्होंने कहा कि जिस प्रत्याशी को ईवीएम पर शक है वह चुनाव के बाद 45 दिनों के अंदर कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है. सभी ईवीएम को 45 दिनों के लिए सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है. एमवी गौतम ने कहा कि बीईएल ने चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए 10 लाख ईवीएम उपलब्ध कराए थे.