logo-image

बड़ी खबर : बंद हो सकती है फ्री कॉलिंग और डाटा सर्विस, सरकार कर रही है विचार!

तीन सप्ताह पहले आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से टेलिकॉम कंपनियों Vodafone-Idea को 40,000 करोड़ और Airtel को 43 हजार करोड़ रुपये सरकार को भुगतान के निर्देश दिए गए हैं. एजीआर की 83,000 करोड़ रुपये की राशि के भुगतान की समय सीमा 24 जनवरी है.

Updated on: 16 Nov 2019, 01:29 PM

नई दिल्ली:

अगर आप फ्री कॉलिंग और फ्री डाटा का लाभ उठा रहे हैं तो आने वाले समय में इसके लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं. सरकार टेलिकॉम सेक्टर को भारी घाटे से उबारने के लिए वॉयस कॉलिंग और डाटा के लिए मिनिमम प्राइस तय करने का प्लान बना रही है. तीन सप्ताह पहले आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से टेलिकॉम कंपनियों Vodafone-Idea और Airtel को सरकार को 83000 करोड़ रुपये के भुगतान के निर्देश दिए गए. पिछले 14 साल से चल रहे AGR विवाद की वजह से देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन टेलिकॉम कंपनियों को उबारने के लिए सरकार पिछले कई दिनों से मंथन कर रही है.

यह भी पढ़ेंः डाटा की दुनिया का बादशाह बनेगा भारत, इस आईटी कंपनी के चेयरमैन ने की भविष्‍यवाणी

टेलिकॉम कंपनियों के बीच जारी प्रतिस्पर्धा के चलते इस समय प्राइज वॉर छिड़ा हुआ है. इसे लेकर सरकार भी चिंचित है. सरकार का मानना है कि फ्री या बेहद सस्ते वॉयस और डाटा टैरिफ की वजह से पिछले कुछ सालों में टेलिकॉम कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, स्पेक्ट्रम और लाइसेंस की कीमत भी काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से टेलिकॉम कंपनियों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. पिछली तिमाही में देश की दोनों बड़ी टेलिकॉम कंपनियों Vodafone-Idea और Airtel को कुल Rs 74,000 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है. सेक्रेटरी की कमिटी (CoS) ने इस भारी घाटे को उबारने के लिए वॉयस कॉलिंग और डाटा के लिए मिनिमम प्राइस तय करने पर विचार कर रही है. कमिटी अपनी इस रेकोमेंडेशन को दूरसंचार विभाग (DoT) को भेजने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ेंः YouTube ने किया ये बड़ा बदलाव, ऐसा नहीं होने पर खत्म करेगा अकाउंट एक्सिस

जानकारी के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों को रेग्युलेट करने वाली TRAI ने टेलिकॉम कंपनियों के इस रेकोमेंडेशन को पहले ठुकरा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों को सरकार को Rs 92,000 करोड़ AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यु) के भुगतान करने का निर्देश दिया है. इसके मुताबिक दूरसंचार विभाग मिनिमम चार्ज वाले प्लान को रिव्यू करके टेलिकॉम ऑपरेटर्स को भेजेगी, ताकि दूरसंचार कंपनियां लाइसेंस फी और स्पेक्ट्रम के लिए अदा की गई राशि की उगाही कर सके.

यह भी पढ़ेंः World Internet Day: सबसे सस्‍ता इंटरनेट पैक भारत में फिर भी दो तिहाई लोग नहीं करते इस्‍तेमाल

जियो के बाजार में आने से शुरू हुई जंग
2016 में जब टेलिकॉम कंपनी Reliance Jio ने बाजार में कदम रखा तो टेलिकॉम कंपनियों के बीच प्राइस वॉर शुरू हो गया था. इसके बाद डाटा और वॉयस कॉलिंग की दरों में भारी कटौती हुई और यूजर्स को फ्री या बेहद कम कीमत में डाटा और वॉयस कॉलिंग की सुविधा मिलने लगी. Reliance Jio के बाजार में आने के बाद ही कई टेलिकॉम कंपनियों को बंद होना पड़ा और देश की दो टेलिकॉम कंपनियों Vodafone और Idea को मर्ज होना पड़ा है.