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36 और राफेल लड़ाकू विमान दे सकती है फ्रांस सरकार, पीएम मोदी फ्रांस दौरे पर

प्रबल संभावना है कि भारत से संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए फ्रांस सरकार पहले सौदे की तुलना में कहीं कम कीमत पर 36 और राफेल विमानों की पेशकश कर सकती है.

Updated on: 22 Aug 2019, 05:19 PM

highlights

  • फ्रांस सरकार पहले से कम कीमत पर भारत को 36 राफेल की कर सकती है पेशकश.
  • लगभग 150 अरब रुपए कम खर्च कर मिल जाएंगे भारतीय वायुसेना को राफेल.
  • राफेल विमान का पहला संस्करण लेने सितंबर में जाएंगे राजनाथ सिंह और धनोआ.

नई दिल्ली.:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भारत का खुलेआम साथ देने वाले तीन देशों फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के दौरे पर रवाना हो गए. प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का पहला पड़ाव फ्रांस होगा, जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हालिया घटनाक्रम पर भारत का खुलेआम समर्थन किया. यह दौरा सिर्फ भारत की तरफ से फ्रांस सरकार का शुक्राना अदा करना भर नहीं होगा. अगर सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी का फ्रांस दौरा कई मायनों में यादगार होने वाला है. इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत से संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए फ्रांस सरकार पहले सौदे की तुलना में कहीं कम कीमत पर 36 और राफेल विमानों की पेशकश कर सकती है.

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625 अरब रुपए की थी पहली राफेल डील
अगर सूत्रों की मानें तो फ्रांस सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे पर भारत को 36 और राफेल विमान देने की पेशकश कर सकती है. इन नए 36 राफेल विमानों की पेशकश पहले से काफी कम कीमत पर होगी, क्योंकि विमान में भारतीय जरूरतों के लिए किए जा रहे बदलावों, ट्रेनिंग इक्विपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत का भुगतान पहले ही किया जा चुका है. गौरतलब है कि सितंबर 2016 में भारत ने फ्रांस की सरकार और डसॉल्ट एविएशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर के तहत 7.8 बिलियन यूरो यानी लगभग 625 अरब रुपए में 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने का फैसला किया था. इसका मकसद पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर वायुसेना की आवश्यकता को पूरा कर उसे और मजबूती प्रदान करना है.

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अब महज 475 अरब रुपए में मिलेंगे 36 और राफेल
अब फ्रांस सरकार भारत को महज 475 अरब रुपए की कीमत पर 36 और राफेल विमान सौंपने की पेशकश कर सकती है. राफेल को लेकर भारतीय वायुसेना में भी काफी उत्सुकता है. इसकी एक बड़ी वजह यही है कि भारतीय राफेल फ्रांस की वायुसेना द्वारा इस्तेमाल में लाए जा रहा विमान की तुलना में कहीं अधिक उन्नत हैं. भारतीय राफेल विमानों को भारतीय भौगोलिक स्थितियों और जरूरतों के अनुसार कई अलग-अलग तकनीको से लैस किया गया है. फिलहाल भारतीय पायलटों का एक दल पहले ही फ्रांसीसी वायुसेना के विमानों से प्रशिक्षिण ले रहा है. बता दें कि भारतीय वायुसेना अगले साल मई तक तीन अलग-अलग दलों में 24 पायलटों को भारतीय राफेल उड़ाने का प्रशिक्षण देगी.

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अगले माह मिल जाएगा पहला राफेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पीएम मोदी की कई क्षेत्रों पर वार्ता होगी. इसके एजेंडे में रक्षा सहयोग, आण्विक ऊर्जा, समुद्री सहयोग और आतंकवाद रोधी उपाय शीर्ष पर होंगे. गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक बड़ी टीम को केंद्र सरकार द्वारा 20 सितंबर को राफेल विमान लेने के लिए भेजा जा रहा है. रक्षा मंत्री और भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ को फ्रांस के अधिकारी पहले राफेल विमान को निर्माण संयंत्र के पास से सौपेंगे. भारतीय वायु सेना हरियाणा के अंबाला और बंगाल के हाशिमारा में अपने एयरबेसों पर लड़ाकू विमान राफेल के एक-एक स्क्वाड्रन को तैनात करेगी.