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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फिर अलापा असहिष्णुता का राग

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की बढ़ती घटनाओं के बाद सड़क से संसद तक विपक्षी असहिष्‍णुता (Intolerance) का राग अलापते रहे.

नई दिल्‍ली:

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की बढ़ती घटनाओं के बाद सड़क से संसद तक विपक्षी असहिष्‍णुता (Intolerance) का राग अलापते रहे. कांग्रेस ने इसे कई चुनावों में भुनाने की कोशिश की मगर जनता ने नकार दिया. एक बार फिर असहिष्‍णुता (Intolerance) का राग अलाप रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ). उन्‍होंने मंगलवार को कहा कि देश में असहिष्‍णुता (Intolerance) और भीड़ द्वारा हिंसा की बढ़ती घटनाओं के चलन से देश की राजनीतिक व्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है.

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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Ganhdi)की जयंती के अवसर पर उन्हें याद करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि धार्मिक सौहार्द, देश की एकता एवं अखंडता के संदर्भ में राजीव के बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा कि दो संदर्भों में यह बेहद खास मौका भी है. पहला यह कि हम राजीव जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और दूसरा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारा देश कुछ चिंताजनक चलन का सामना कर रहा है. यह बढ़ती असिहष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कुछ समूहों द्वारा पैदा की गई घृणा तथा भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेने से जुड़ी हिंसा की बढ़ती घटनाएं हैं. इससे हमारी राजनीतिक व्यवस्था को नुकसान हो सकता है.'

देश की एकता और अखंडता तथा धार्मिक सौहार्द से जुड़े पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक कथन का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा, 'हमें राजीव गांधी द्वारा दिखाए रास्ते पर चलना है.'