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चीन के साथ कश्मीर पर कोई चर्चा नहीं, भारत ने कहा- यह हमारा आंतरिक मामला

चीनी राष्ट्रपति के दौरे की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया आज यानी शनिवार को दोनों नेताओं के बीच 2 घंटों तक बातचीत हुई

Updated on: 12 Oct 2019, 02:10 PM

नई दिल्ली:

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अनौपचारिक मुलाकात जिसमें दोनों ने कई अहम मुद्दों पर बात की. इसके बाद दोनों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत भी हुई. चीनी राष्ट्रपति के दौरे की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया आज यानी शनिवार को दोनों नेताओं के बीच 2 घंटों तक बातचीत हुई. इसके बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल की वार्ता भी हुई. इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सम्मान में लंच भी दिया. इस पूरे दौरे में शी चिनफिंग और पीएम मोदी ने कुछ 6 घंटे वार्ता की.

व्यापार, निवेश और सेवाओं पर चर्चा के लिए एक नए मैकेनिज्म की स्थापना की जाएगी. इसके लिए चीन से वाइस प्रीमियर, हू चुनहुआ और भारत से एफएम निर्मला सीतारमण इसमें शामिल होंगी

इस मुलाकात के दौरान लोगों के संबंधों पर फोकस किया गया और ये फैसला लिया गया कि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध बढ़ाए जाए.

वहीं कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं ने वार्ता के दौरान न तो ये मुद्दा उठाया और न ही इस पर कोई बात हुई. वैसे भी इस मसले पर हमारा नजरिया साफ है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का आतंरिक मामला है और इसमें किसी दूसरे देश की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 

दोनों देशों के बीच पर्यटन को महत्व देने पर भी चर्चा हुई. इसके अलावा इस वार्ता के दौरान दोनों दशों ने स्वतंत्र विदेश नीति के लागू होने पर जोर दिया. इसके अलावा प्रमुख वैश्विक मुद्दे, नियम आधारित ट्रेडिंग सिस्टम पर समझ को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई.  विजय गोकले के मुताबिक दोनों देशों के बीच जलवायु परिवर्तन को लेकर भी बात हुई. उन्होंने बताया कि इस वार्ता के दौरान कुछ अफगानिस्तान को लेकर भी कुछ मुद्दो पर चर्चा हुई. इस मुलाकात के दौरान शी चिनफिंग ने पीएम मोदी चीन आने का न्योता दिया. इसी के साथ पीएम मोदी अगले साल चीन दौरे पर जा सकते हैं.  

पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के दौरान चेन्नई विजन को भारत-चीन संबंधों के लिए नए युग की शुरुआत बताया था. इस चेन्नई कनेक्ट के बार में बताया गया कि इसमें सामरिक संचार, आपसी विश्वास कायम करना,व्यापार घाटे और नए तंत्र की खोज आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम और लोगों के संबंधों पर फोकस करना शामिल है. 

विजय गोखले ने बताया, वार्ता के दौरान  राष्ट्रपति शी ने मानसरोवर यात्रा पर जा रहे यत्रियों के लिए अधिक सुविधा की बात कही और प्रधान मंत्री ने तमिलनाडु और चीन के फुजियान प्रांत के बीच संबंध स्थापित करने के लिए कई सुझाव दिए.

इसके अलावा दोनों देशों के नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ना इस वक्त काफी जरूरी है.