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मोदी सरकार ने दी रियल एस्टेट को दी बड़ी राहत, खोल दिया खजाने का मुंह

मोदी सरकार रियल स्‍टेट में जान फूंकने के लिए 25000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. इसमें एसबीआई, एलआइसी का भी पैसा लगेगा. देशभर में 1600 हाउसिंग प्रोजेक्ट और 4.58 लाख यूनिट्स (घर या फ्लैट्स) अटके पड़े है. प्रोजेक्ट्स को पहले पूरा किया जायेगा ताकि होम बायर्स को फौरी मदद मिले जो ईएमआई और घर किराया दे रहे हैं. दोनों तरफ से पीस रहे हैं.

highlights

  • हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सरकार की ओर से 10 हजार करोड़ रुपये का फंड 
  • 1600 हाउसिंग प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं और करीब 4.58 लाख हाउसिंग यूनिट लटके हैं
  • सरकार रियल स्‍टेट में जान फूंकने के लिए 25000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय कैबिनेट का बड़ा फैसला. रियल एस्टेट (Real State) में अटके पड़े प्रोजेक्ट्स (Housing Projects) के लिए मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. बुधवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने हाउसिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के स्पेशल फंड को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि घर खरीददारों के लिए जो घोषणा की थी उसकी मंजूरी दी गई है. देशभर में 1600 हाउसिंग प्रोजेक्ट और 4.58 लाख यूनिट्स (घर या फ्लैट्स) अटके पड़े है. मोदी सरकार रियल स्‍टेट में जान फूंकने के लिए 25000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. इसमें एसबीआई, एलआइसी के भी पैसे होंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कई कदम उठाए जा चुके हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है.

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) समेत देश के दूसरे हिस्से में जितने भी हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं, उसको पूरा करने के लिए जल्द फंड (Fund) मुहैया कराया जाएगा. NPA और NCLT वाले प्रोजेक्ट को भी इस फंड से पैसा मिलेगा.कैबिनेट ने अटके मिडिल इनकम और अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के स्पेशल फंड को मंजूरी दी है. इसका मकसद अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा किया जा सके. उनको जरूरी पूंजी आसान शर्तों पर मुहैया कराया जा सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करीब 1600 हाउसिंग प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं और करीब 4.58 लाख हाउसिंग यूनिट लटके हैं. उन्होंने कहा, सभी अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरे होंगे. घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी. इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे. लोगों को घर लेने में आसानी होगी और आसानी से लोन लिया जा सकेगा. एक्सटर्नल कमर्शल गाइडलाइन फॉर अफोर्डेबल हाउजिंग में राहत दी जाएगी. 

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि सस्ते, आसान शर्तों पर फंड मुहैया कराया जाएगा. इससे अफोर्डेबल और लो कॉस्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जो प्रोजेक्ट NPA हो गए हैं या फिर NCLT में हैं उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा.उन्‍होंने बताया कि दिल्ली,मुम्बई,कोलकाता, पुणे,चेन्नई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में 1 करोड़ रुपये से अधिक के वैल्यू वाले यूनिट्स हो सकता है. एसबीआई स्क्रे फंड के जरिये इन्हें मदद किया जायेगा. उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि एनपीए वाले प्रोजेक्ट्स को भी इसका फायदा होगा. हम लगातार इसको मदद करते रहेंगे.

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उन्‍होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि अभी 10 हज़ार करोड़ रुपये दे दिया तो काम खत्म. प्राथमिकता यह होगी कि प्रोजेक्ट्स की वायबिलिटी को देखते हुए फण्ड का आवंटन होगा. सभी कुछ प्रोफेशनल तरीके से किया जाएगा. नेटवर्थ पॉजिटिव होना चाहिए.

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पैसा स्क्रू फण्ड से जायेगा. किसी बिल्डर्स के हाथ में नहीं जायेगा और ना ही बिल्डर्स इस धन का इस्तेमाल अपने पुराने बकाया धन के भुगतान के लिए कर सकेगा. कोशिश है कि वैसे प्रोजेक्ट्स को पहले पूरा किया जायेगा जिन्हें पूरा करने में तुलनात्मक कम धन खर्च करना होगा ताकि वैसे होम बायर्स को फौरी मदद मिले जो ईएमआई और घर किराया दे रहे है. दोनों तरफ से पीस रहे है.