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वित्त मंत्री बोलीं- जीएसटी में कटौती मेरे हाथ में नहीं, मनमोहन सिंह के बयान का ये दिया जवाब

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये जवाब दिया है.

Updated on: 02 Sep 2019, 06:04 AM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा, जीएसटी में कटौती मेरे हाथ में नहीं है और इसमें कटौती का निर्णय जीएसटी काउंसिल (GST Council) लेगी. उन्होंने आगे कहा, ग्रोथ बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे. सभी सेक्टरों की चिंताएं दूर करने पर फोकस है. हालांकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.

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वित्त मंत्री का यह बयान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की ओर से जारी किए गए जीडीपी आंकड़े के एक दिन बाद आया है. सीएसओ ने शुक्रवार को कहा था कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 से घटकर 5 तक जा पहुंची है. पिछले साल इस तिमाही में देश का ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी था, जबकि साल 2019-20 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में जीडीपी 5% रहा. इससे पहले की तिमाही जनवरी-मार्च में 5.8% था. कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे बड़ी गिरावट हुई है. कृषि विकास दर घटकर 2 फीसदी पहुंची तो वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में विकास दर 12.2 से घटकर 0.6 तक जा पहुंची है.

किसी भी बैंक को बंद नहीं किया जाएगा

जब बैंकों के विलय के फैसले के बारे में पूछा गया तो निर्मला सीतारमण ने कहा, किसी भी बैंक को बंद नहीं किया जाएगा. किसी बैंक को यह नहीं कहा गया है कि वो जो काम कर रहे हैं, उससे कुछ अलग करें. हालांकि, हम बैंकों को काम करने के लिए और ज्यादा पूंजी मुहैया करवा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, बैंकों के विलय से किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी.

10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो दिन पहले 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की थी. इसके बाद देश में 27 से कम होकर 12 सरकारी बैंक रह गए हैं. एंकर बैंक पीएनबी, केनरा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक होंगे. सरकार का यह फैसला कर्ज से दबे इस सेक्टर को मजबूत करना है और मजबूत बैलेंस सीट से ये ज्यादा कर्ज दे, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ रिवाइव करने में मदद मिले.

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इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने देश की जीडीपी वृद्धि की दर चालू वित्त वर्ष में गिरकर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. रेटिंग एजेंसी ने पहले जीडीपी वृद्धि दर के 7.3 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद जताई थी. मांग में कमी, कमजोर मानसून और मैन्युफैक्चरिंग में नरमी और ट्रेड वार टेंशन बढ़ने का एक्सपोर्ट पर असर इसकी मुख्य वजह रही.

पूर्व प्रधानमंत्री ने बीजेपी पर साधा निशाना

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की जीडीपी, अर्थव्यवस्था में मंदी और नौकरियों में कमी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि फिलहाल देश की स्थिति बेहद चिंताजनक है. पिछली तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 5 फीसदी इस बात के साफ संकेत देती है कि हम एक लंबे समय से मंदी के बीच में हैं.

उन्होंने कहा, देश में इससे कहीं ज्यादा दर पर वृद्धि की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंध के कारण आज अर्थव्यवस्था में मंदी देखने को मिल रही है. मनमोहन सिंह ने कहा, यह विशेष रूप से परेशान करने वाला तथ्य है कि मैन्यूफैक्टरिंग सेक्टर की वृद्धि 0.6% से कम हो रही है. इससे ये साफ पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी जैसी गलती और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसीटी से उबर नहीं पाई है.