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जम्मू-कश्मीर: प्रवासी कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के प्रयास तेज

पूर्व की राजग सरकार के समय से ही हम सुनते आ रहे हैं कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की घर वापसी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है.

Updated on: 15 Jul 2019, 12:30 AM

नई दिल्ली:

प्रवासी कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए सरकार और सामाजिक स्तर पर प्रयास तेज होने पर अलगावादी हुर्रियत नेता भी कहने लगे हैं कि इसमें मदद के लिए जो आवश्यक होगा, वह करने के लिए वे तैयार हैं. किसी राजनीतिक दल या सामाजिक व धार्मिक समूह का प्रतिधिनित्व नहीं करने का दावा करने वाले सतीश महालदार ने कहा, "मैं हुर्रियत कान्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक से चार जुलाई को मिला. कुछ और प्रवासी (कश्मीरी) पंडित भी साथ थे."

उन्होंने बताया, "मीरवाइज उमर ने न सिर्फ यह स्वीकार किया कि कश्मीर और कश्मीरी मुस्लिम अपने पंडित भाइयों के बिना अधूरे हैं बल्कि यह भी भरोसा दिया कि हमारी सम्मानपूर्वक व सुरक्षित वापसी के लिए जो जरूरी होगा, वह करेंगे." महालदार ने खेद जताते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से कश्मीरी पंडित देश के राजनीतिक पटल पर पिंग पोंग गेंद बने हुए हैं. वो अपने ही घरों से बाहर रहने को मजबूर हैं.

उन्होंने कहा, "पूर्व की राजग सरकार के समय से ही हम सुनते आ रहे हैं कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की घर वापसी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. यह सुनिश्चित करने के लिए असल में जमीनी स्तर पर क्या हुआ? कुछ नहीं, सिवा इसके कि हमें उम्मीदों में रखने के लिए कुछ दिखावटी कदम उठाए गए." उन्होंने कहा, "पंडितों की वापसी प्रदेश और केंद्र सरकारी का अलग से नहीं बल्कि सम्मिलित प्रयास होना चाहिए. चाहे मुस्लिम हो या हिंदू या सिख या बौद्ध, कश्मीरियों का दुख समान है. हम सबको यह समझना होगा."