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INX मीडिया केस में बड़े पैमाने पर हुई मनी लॉन्ड्रिंग, पी चिदंबरम को हिरासत में लेना जरूरी: ED

पी चिदंबरम के केस में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि ऑस्ट्रिया, अर्जेंटीना, फ्रांस, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, मलेशिया, मोनाको, ग्रीस, फिलीपींस, श्रीलंका, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका और स्पेन में उनकी संपत्‍तियां हैं.

Updated on: 26 Aug 2019, 01:19 PM

नई दिल्ली:

पी चिदंबरम के केस में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि ऑस्ट्रिया, अर्जेंटीना, फ्रांस, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, मलेशिया, मोनाको, ग्रीस, फिलीपींस, श्रीलंका, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका और स्पेन में उनकी संपत्‍तियां हैं. प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि INX मीडिया केस में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. इसलिये चिंदबरम को जांच के लिए हिरासत में लेना जरूरी है. ED ने हलफनामे में यह भी कहा है कि फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट से इस बारे में विशेष इनपुट हासिल हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट में आज यान सोमवार को इस पर सुनवाई होनी है.

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इससे पहले सीबीआई वाले केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम की याचिका को निष्‍प्रभावी मान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि CBI द्वारा पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद उनकी याचिका निष्प्रभावी हो गई है. हालांकि पी चिदंबरम की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के चलते सीबीआई को गिरफ्तारी नहीं करनी चाहिए थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलीलों को नहीं माना और याचिका खारिज कर दी.

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HC द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस भानुमति ने कहा, SC की संविधान पीठ का फैसला है कि एक बार गिरफ्तारी के बाद अग्रिम ज़मानत की अर्जी निष्प्रभावी हो जाती है. इस पर पी चिदंबरम की ओर से केस की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कोर्ट को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए कहा, CBI वाले मामले में अब भी सुनवाई हो सकती है. इसके लिए उन्‍होंने आर्टिकल 21 का हवाला दिया.