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फेफड़ों पर जोर मत डालिए, उस पर पहले से ही दबाव है, जानें वेंकैया नायडू ने संजय सिंह से ऐसा क्‍यों कहा

राज्यसभा (Rajya Sabha) में शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के विरोध प्रदर्शन और दिल्ली में जल प्रदूषण (Water Pollution) के मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ.

Updated on: 22 Nov 2019, 02:18 PM

नई दिल्‍ली:

राज्यसभा (Rajya Sabha) में शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के विरोध प्रदर्शन और दिल्ली में जल प्रदूषण (Water Pollution) के मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ. बात इतनी बढ़ गई कि सदस्यों द्वारा नियमों का पालन न करने पर सभापति (Chairman) ने उन्हें चेतावनी तक दे डाली. हंगामे से नाराज सभापति वेंकैया नायडू (Chairman Venkaiya Naidu) ने सदस्यों से कहा कि शून्यकाल (Zero Hour) गंभीर और वर्तमान के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए होता है. नायडू ने कहा, "जब आप नियमों का पालन नहीं करेंगे तो गंभीर मुद्दों पर चर्चा कैसे होगी."

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भाकपा सदस्य केके रागेश ने सदन में दिल्ली स्थित जेएनयू के छात्रों की कथित रूप से पुलिस द्वारा की गई बुरी तरह पिटाई का मुद्दा उठाया. रागेश ने कहा, "क्या यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है? क्या यहां मिलने-जुलने की आजादी नहीं है? क्या जमा होने की आजादी नहीं है? तो फिर जेएनयू के छात्रों को नागरिक स्वतंत्रता से वंचित क्यों किया जाता है. परिसर में आपातकाल की स्थिति क्यों है?"

रागेश ने पुलिस की कथित बर्बरता की जांच की मांग की. इसी मुद्दे पर भाजपा के प्रभात झा ने कहा कि जेएनयू का इतिहास अच्छा रहा है. झा ने कहा, "यह वही संस्थान है, जिसने हमें नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जैसी शख्सियत दी है." ऐसे में उन्होंने परिसर में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति तोड़े जाने का कारण पूछा.

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उन्होंने आगे पूछा कि आखिर क्यों उन लोगों के खिलाफ जांच नहीं हो रही है, जिन्होंने वहां 'भगवा जलेगा' लिखा था. इसके बाद सदन में शोरगुल होने लगा और सभापति को चेतावनी देनी पड़ी.

हालांकि शोरगुल के बाद भाजपा नेता विजय गोयल ने दिल्ली में जल प्रदूषण के मुद्दे को उठाया और शहर में होने वाली जलआपूर्ति के आंकड़े पेश किए. इस पर आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने गोयल को झूठा करार दिया और सदन में चिल्ला कर कहा कि विजय गोयल झूठ बोल रहे हैं.

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ऐसे में नायडू ने सिंह से कहा, "अपने फेफड़ों पर जोर मत डालिए. उस पर पहले से ही दबाव है." वहीं अपनी बात रखने की समयसीमा को पार करने पर नायडू ने गोयल का माइक हटाने के लिए भी कहा.