logo-image

दिल्ली-एनसीआर वाले हो जाएं खुश, अगले 48 घंटों में बारिश की संभावना

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने बताया कि 5 और 6 जुलाई को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है.

Updated on: 03 Jul 2019, 03:17 PM

highlights

  • सामान्यतः मानसून 29 जून को आता है मगर इस बार एक सप्ताह देरी से है.
  • बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हुईं.
  • हला की दिशा बदलने से अगले 48 घंटों में हल्की बारिश की संभावना.

नई दिल्ली.:

भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अगले 48 घंटों में हल्की बारिश होने की संभावना है. इससे मौसम की स्थिति दक्षिण-पश्चिमी मानसून के अनुकूल हो जाएगी. दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में बुधवार सुबह से छाए बादलों की वजह से मंगलवार की तुलना में कम से कम दो डिग्री सेल्सियस कम तापमान दर्ज किया गया. भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया, 'बुधवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मानसून आने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो चुकी हैं.'

यह भी पढ़ेंः कश्मीर के किश्तवाड़ जेल की जासूसी कर रहा था ड्रोन, बंद हैं कई दुर्दांत आतंकी; सुरक्षा की गई सख्त

गुरुवार को गरज-बरस के साथ बारिश
उन्होंने बताया, 'हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर बदल चुकी है. इससे अब इस पूरे क्षेत्र में अगले 48 घंटों में हल्की बारिश की संभावना बन गई है.' मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की ओर से नर्म हवाएं बढ़ गई हैं जिससे पर्यावरण में नमी बढ़ी है. इससे गुरुवार से एक या दो बार गर्जना के साथ हल्की बारिश हो सकती है. सामान्य तौर पर मानसून 29 जून को दिल्ली से टकराता है मगर इस बार इसमें एक सप्ताह की देरी हुई है.

यह भी पढ़ेंः मोस्‍ट वांटेड दाऊद इब्राहिम के बारे में अमेरिका से आई सबसे बड़ी जानकारी, पढ़ें पूरी खबर

6 जुलाई से मानसून की शुरुआत
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने बताया कि 5 और 6 जुलाई को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. स्काईमेट के प्रमुख मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि मानसून की वास्तविक शुरुआत 6 जुलाई से होने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग की ओर से बुधवार को जारी एक बुलेटिन में बताया गया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वी राज्यस्थान के कुछ हिस्सों समेत मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्से, छत्तीसगढ़ के शेष बचे हिस्से, उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों के अलावा उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों के साथ ही कुछ अन्य हिस्सों में आगे बढ़ा है. इसी तरह से हिमाचल प्रदेश व जम्मू एवं कश्मीर के कुछ हिस्सों में यह बढ़ा है.