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जैश के निशाने पर दिल्ली, दिवाली पर बड़े आतंकी हमलों की आशंका; भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर नजर

दिल्ली में पुलिस के हिसाब से 15 जिले हैं, लेकिन इन जिलों में से आठ जिलों में (रोहिणी, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, उत्तर, नई दिल्ली, द्वारका, पूर्वी और मध्य) स्थित 400 से ज्यादा इमारतें और बाजार बेहद संवेदनशील हैं.

Updated on: 20 Oct 2019, 06:52 AM

highlights

  • दिवाली पर जैश के आतंकियों की निगाहें दिल्ली पर टेढ़ी.
  • 425 इमारतों पर आतंकी हमले की साजिश रची गई.
  • पुलिस ने त्योहार के मद्देनजर सुरक्षा की और कड़ी.

New Delhi:

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद राजधानी दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में है. खुफिया इनपुट्स के मुताबिक राजधानी की 400 से ज्यादा महत्वपूर्ण व अति-संवेदनशील इमारतें और भीड़ भरे बाजार जैश के निशाने पर हैं. इस बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद राजधानी की सुरक्षा चुस्त कर दी गई है. हालांकि इस तरह की खुफिया सूचनाएं काफी समय से आ रही थीं, लेकिन दीवाली का त्योहार करीब आने के बाद आई ताजा खुफिया जानकारी को गंभीरता से लिया गया है और पूरी राजधानी की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है.

दिल्ली के 8 जिले बेहद संवेदनशील
दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, "दिल्ली में पुलिस के हिसाब से 15 जिले हैं, लेकिन इन जिलों में से आठ जिलों में (रोहिणी, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, उत्तर, नई दिल्ली, द्वारका, पूर्वी और मध्य) स्थित 400 से ज्यादा इमारतें और बाजार बेहद संवेदनशील हैं." खुफिया सूचनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को संवेदनशील चिन्हित इमारतों-बाजारों का ब्योरा भी उपलब्ध करा दिए हैं.

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425 इमारतों पर है आतंकी नजरें
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, "इन आठ जिलों में लगभग 425 इमारतें संवेदनशील हैं, जिनकी सुरक्षा दिन-रात की जाती है. जैश-ए-मोहम्मद की धमकी के बाद इन इमारतों पर सुरक्षा इंतजाम और बढ़ा दिए गए हैं." इन आठ जिलों में से नई दिल्ली जिले में सबसे ज्यादा लगभग 200 बेहद महत्वपूर्ण इमारतें हैं, जिन्हें जैश-ए-मुहम्मद या उसके समर्थक आतंकी संगठन निशाना बनाने के फिराक में हैं. 21 जनवरी, 2019 और फिर 23 जनवरी, 2019 को गिरफ्तार जैश आतंकवादी अब्दुल लतीफ गैनी (गनी) उर्फ उमैर और हिलाल अहमद भट से भी दिल्ली पुलिस और खुफिया तंत्र को कई ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई थीं.

दिवाली पर पुलिस पहले से चौकस
हालांकि नई दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त ईश सिंघल इस तरह के किसी खतरे के बारे में किसी तरह की खुफिया सूचना से इंकार करते हैं. उन्होंने कहा, "हमारे पास इस तरह के खतरे के बारे में कोई खुफिया सूचना नहीं है, लेकिन त्योहार के कारण हमने एहतियातन अपनी तैयारी कर रखी है." उन्होंने कहा, "हम भीड़-भाड़ वाले बाजार मसलन खान मार्केट, कनाट प्लेस आदि पर खास नजर रख रहे हैं. जहां तक संवेदनशील इमारतों की सुरक्षा का सवाल है, तो इसके लिए बाकायदा कई इंस्पेक्टरों की तैनाती की गई है. ये इंस्पेक्टर संवेदनशील इमारतों की देख रेख में जुटे जिम्मेदार सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग्स भी कर रह हैं."

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अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
उन्होंने आगे कहा, "मैंने मार्केट एसोसिएशन वालों से भी कई दौर की मुलाकातें की हैं, क्योंकि कोई भी अजनबी या संदिग्ध सबसे पहले बाजार में या फिर सड़क पर ही घूमता दिखाई पड़ता है. इसके अलावा 24 घंटे पिकेट्स ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है. डॉग स्क्वॉड, क्विक रिएक्शन टीमों को भी 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है. हमारे पास जिले का पुलिस फोर्स तो है ही, अतिरिक्त सुरक्षा बल भी नई दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर मौजूद है."

जनता भी रखे नजर
दिल्ली पुलिस के एक अन्य आला अधिकारी ने बताया, "इस तरह की खुफिया सूचनाओं के बाद इनसे निपटने में सबसे ज्यादा मददगार होती है सजग जनता. विध्वंसकारी तत्व हमेशा पहले भीड़ के बीच पहुंचकर, भीड़ को ही नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. ऐसे में भीड़ की सतर्क सजग नजरें ही देश विरोधी ताकतों को पहचान कर उनके बारे में पुलिस को बता सकती हैं."

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थानों के मुख्यद्वार पर ताला
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों अचानक दिल्ली के कई थानों में मुख्य द्वारों पर हिंदी में नोटिस चस्पा करवा दिए गए. इसके मुताबिक, थाने की सुरक्षा में तैनात सिपाही मुख्य द्वार पर हर वक्त ताला डालकर रखेगा. राजधानी के थानों के मुख्य द्वारों पर दिन-रात ताले डाले जाने का निर्णय खुफिया सूचनाओं के आधार पर लिया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, "आठ जिलों में संवेदनशील इमारतों की सबसे कम संख्या (4) वाला जिला उत्तर-पूर्व है. हालांकि सिग्नेचर ब्रिज और कुछ भीड़ भरे बाजार यहां भी मौजूद हैं."

इन पर है आतंकियों की टेढ़ी नजर
जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय, सेना भवन, संसद, राष्ट्रपति भवन तथा कनाट प्लेस, खान मार्केट जैसे बाजारों के कारण नई दिल्ली जिले की कई इमारतें बेहद संवेदनशील की श्रेणी में हमेशा ही रहती हैं. मध्य दिल्ली जिले में जामा मस्जिद, दिल्ली पुलिस मुख्यालय, राउज एवन्यू कोर्ट, पूर्वी जिले में लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार, आनंद विहार इलाके और उनमें मौजूद बाजार, आनंद विहार बस अड्डा और रेलवे स्टेशन भी आतंकवादियों के निशाने पर हो सकते हैं.

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आईईडी धमाका कर सकते हैं आतंकी
इसी तरह द्वारका जिला अदालत, उत्तरी दिल्ली जिले में स्थित उप-राज्यपाल आवास, दिल्ली विधानसभा, दिल्ली के मुख्यमंत्री का आवास भी संवेदनशील इमारतों की श्रेणी में ही आता है. रोहणी में जहां पीतमपुरा स्थित टीवी टॉवर हमेशा संवेदनशील जगह में गिना गया है, वहीं उत्तर-पश्चिम दिल्ली में स्थित आजादपुर मंडी भी संवेदनशील जगह में है. खुफिया सूचनाओं के अनुसार, जैश-ए-मुहम्मद या फिर उसके जैसा कोई अन्य आतंकी संगठन आत्मघाती हमला कर सकता है. वे भीड़ पर बम फेंकने से लेकर विस्फोटक (आईईडी) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, और संवेदनशील इलाकों में अंधाधुंध फायरिंग भी कर सकते हैं.