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Nirbhaya Case: पैंतरेबाजी कर रहे निर्भया के दोषियों की हाईकोर्ट में सुनवाई आज

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए गैंगरेप के मामले में पटियाला कोर्ट ने चारों गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई और 1 फरवरी 2020 को चारों गुनहगारों को फांसी चढ़ना था लेकिन कानूनी दांव पेंच के चलते अभी भी निर्भया के दोषी जिंदा हैं.

Updated on: 02 Feb 2020, 09:54 AM

highlights

  • निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा पर रोक मामले में आज होगी सुनवाई. 
  • केंद्र सरकार ने फांसी पर रोक के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की है याचिका. 
  • पटियाला हाऊस कोर्ट ने 1 फरवरी को तय की थी फांसी की तिथि. 

नई दिल्ली:

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए गैंगरेप के मामले में पटियाला कोर्ट ने चारों गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई और 1 फरवरी 2020 को चारों गुनहगारों को फांसी चढ़ना था लेकिन कानूनी दांव पेंच के चलते अभी भी निर्भया के दोषी जिंदा हैं. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में फांसी पर स्थगन को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है. इस याचिका पर रविवार को सुनवाई होगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर निर्भया के चारों दोषियों, तिहाड़ जेल के डीजी और तिहाड़ जेल सुप्रिटेंडेंट को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.

केंद्र सरकार ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को चारों दोषियों की फांसी को टाल दिया था.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को यानी कि 2 फरवरी 2020 को दोपहर 3 बजे दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया मामले में दोषी विनय की दया याचिका पहले ही खारिज कर दी है. चारों दोषियों में से यह दूसरी दया याचिका है, जो राष्ट्रपति के पास लगाई गई थी. इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं.

सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि शुक्रवार को दोषियों मुकेश कुमार, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय की फांसी पर रोक लगा दी गई। इसके लिए लगाई अर्जी में कोई भी ठोस कारण नहीं दिया गया था। दोषियों ने कानून का गलत इस्तेमाल किया है.

बारी बारी से दी जा रही दया याचिकाओं के कारण ही 1 फरवरी को फांसी की सजा का वक्त टल गया जबकि दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट ने ये फैसला दिया था कि चारों गुनहगारों को 1 फरवरी को फांसी दी जाएगी. इस काम के लिए जल्लाद को भी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बुला लिया गया था.

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इससे पहले पिछले साल 2 नवंबर को तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच हुए बवाल के बाद अगले दिन रविवार को हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी। अब निर्भया मामले में केंद्र की याचिका को भी रविवार को अपराह्न तीन बजे सुना जाएगा।