logo-image

दिल्ली सरकार प्रदूषण के मुद्दे को सियासी वजहों से दे रही तूल : केन्द्र

चौधरी ने कहा, सरकार किसानों को पराली जलाने से पूरी तरह मुक्ति देने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है.

Updated on: 22 Nov 2019, 06:38 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी मात्र तीन प्रतिशत होने के बावजूद दिल्ली सरकार प्रदूषण के मुद्दे को सियासी वजहों से तूल दे रही है. चौधरी ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारणों में किसानों द्वारा पराली जलाये जाने की हिस्सेदारी से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उठने वाले धुएं की दिल्ली के प्रदूषण में मात्र तीन प्रतिशत हिस्सेदारी है.

दिल्ली के प्रदूषण में पराली के अलावा अन्य स्थानीय कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं. मंत्री ने कहा कि पिछले तीन बरसों में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए किये गये प्रयासों के परिणामस्वरूप तीनों राज्यों में इन घटनाओं में 54.5 प्रतिशत की कमी आयी है. चौधरी ने कहा, ‘सरकार किसानों को पराली जलाने से पूरी तरह मुक्ति देने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है. इनमें पराली निस्तारण के उपकरण किसानों को मुहैया कराना और पराली के अन्य उपयोगों के उपाय तलाशे गये हैं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर हरियाणा सरकार किसानों से 100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से पराली खरीद रही है.

चौधरी ने कहा, ‘जहां तक दिल्ली के प्रदूषण का सवाल है, इसके तमाम अन्य कारण हो सकते हैं जिन्हें रोकने में राज्य सरकार की नाकाम भी एक वजह हो सकती है. हालांकि राज्य सरकार राजनीतिक कारणों से इस मामले को तूल दे रही है.’ उन्होंने कहा कि इस समस्या के लिये किसानों को दोष देना उचित नहीं है. पराली जलाने पर किसानों को जेल भेजने से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में चौधरी ने कहा कि किसानों को जेल भेजना गलत है हालांकि यह राज्य का विषय है. भाषा निर्मल माधव सुभाष सुभाष