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दिल्ली अग्निकांडः बिहार और यूपी के रहने वाले थे अधिकतर मजदूर! काम के बाद रात को यहीं सोते थे

राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड बाजार में रविवार को आग लगने से 43 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं.

Updated on: 08 Dec 2019, 02:35 PM

दिल्ली:

राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड बाजार में रविवार को आग लगने से 43 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. घटना में मरे लोग मजदूर हैं, जो कारखाने में रविवार सुबह 4.30 बजे से 5 बजे के आसपास लगी आग के दौरान सो रहे थे. घटना के बाद अब तक 60 से अधिक लोगों को वहां से निकाला जा चुका है और उन्हें लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और लेडी हॉर्डिग हॉस्पिटल में ले जाया गया है. एलएनजेपी अस्पताल में 34 और लेडी हार्डिंग अस्पताल में करीब 9 लोगों के मरने की सूचना मिली है.

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मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना में मरने वाले मजदूरों में अधिकतर बिहार के रहने वाले थे. कुछ लोग उत्तर प्रदेश के भी बताए जा रहे हैं. रोजी-रोटी के लिए अपना घरबार छोड़कर यह लोग दिल्ली आए थे. यह मजदूर इस कारखाने में पूरे हफ्ते काम करते थे और रात को यहीं पर सोते थे. इनमें से कोई पैकेजिंग का काम करता था और कोई बैग बनाता था. इमारत के अंदर एक-एक कमरे में 10 से ज्यादा मजदूर रहते थे. काम करने के बाद रात को जिसे जहां मिलती थी, वह वहीं सो जाता था.

लेकिन रविवार तड़के हुए इस अग्निकांड की वजह से इनमें से अधिकतर मजदूर आज का सूरज नहीं देख पाए. जब आग लगी तो वे सभी कारखाने के अंदर सो रहे थे. हालांकि अभी तक इस हादसे में मरने वाली की सही जानकारी हासिल नहीं हो पाई है. अब तक जो जानकारी मिली है उससे यह भी पता चलता है कि यह कारखाना बिना एनओसी के ही चल रहा था. फैक्ट्री के लिए एनओसी होनी जरूरी है. इस भयानक आग में मृतकों की संख्या इसलिए बढ़ी, क्योंकि फैक्ट्री संकरी गली में स्थित थी.

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इस अग्निकांड में दिल्ली पुलिस फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैरइरादन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह मामला अपराध शाखा को सौंप दिया गया है. उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. केजरीवाल ने इस घटना में झुलसे लोगों के लिए एक लाख रुपये मुआवजा राशि की घोषणा की.

ऐसा कहा जा रहा है कि यह अग्निकांड, दिल्ली में आग लगने की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है. इससे पहले 13 जून, 1997 को दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में ऐसी ही घटना घटी थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.