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रोजाना एक टन प्लास्टिक से 800 लीटर डीजल बना रहा है देहरादून CSIR

डॉ हर्षवर्धन ने प्रश्नकाल में बताया कि देहरादून स्थित प्रयोगशाला ने 2016 में इस विषय पर अनुसंधान शुरू किया था और तीन साल के भीतर वहां एक बड़े संयंत्र में अनुपयोगी प्लास्टिक से डीजल बनाया जा रहा है.

Updated on: 22 Nov 2019, 02:56 PM

संसद:

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)के तहत देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में रोजाना एक टन वेस्ट प्लास्टिक से 800 लीटर डीजल बनाया जा रहा है और इसके लिए दिल्ली में भी संयंत्र स्थापित किये जाएंगे. हर्षवर्धन ने प्रश्नकाल में बताया कि देहरादून स्थित प्रयोगशाला ने 2016 में इस विषय पर अनुसंधान शुरू किया था और तीन साल के भीतर वहां एक बड़े संयंत्र में अनुपयोगी प्लास्टिक से डीजल बनाया जा रहा है.

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इससे पेट्रोल भी बनाया जा सकता है

उन्होंने कहा कि इससे पेट्रोल आदि उत्पाद भी बनाये जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि देहरादून के घरों से गैर सरकारी संगठनों (NGO) की मदद से वेस्ट प्लास्टिक इकट्ठा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डीडीए आदि संस्थानों की मदद से दिल्ली में भी इसके लिए संयंत्र लगाये जाएंगे. हर्षवर्धन ने कहा कि सीएसआईआर विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान कर रहा है तथा कई उपयोगी चीजें तथा तकनीक विकसित कर रहा है.