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साइक्लोन वायु: Vayu चक्रवात नहीं टकराएगा गुजरात के तटीय इलाकों से, फिर भी रहे सावधान

लोगों की मदद के लिए NDRF की टीम पहले ही मुस्तैद है. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.

Updated on: 13 Jun 2019, 11:00 AM

highlights

  • आज साइक्लोन वायु (VayuCyclone) गुजरात के तटवर्तीय इलाकों नहीं टकराएगा.
  • जिला प्रशासन और एनडीआरएफ ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.
  • इस आने वाले खतरे को भांपते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है. 

नई दिल्ली:

Vayu Cyclone: गुजरात से साइक्लोन वायु का खतरा कुछ कम जरुर हुआ है लेकिन पूरी तरह से खतरा टला नहीं है. गुजरात में तेज हवाओं का डर बना रहेगा. जिसके लिए NDRF की टीम प्रभावित इलाकों के आस-पास है ताकि किसी भी आपातकाल की स्थिति से निपटा जा सके. हालांकि 3 लाख लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.  पहले कहा जा रहा था कि साइक्लोन टकराएगा लेकिन बाद में मौसम विभाग के द्वारा बताया गया कि साइक्लोन गुजरात के तट से नहीं टकराएगा लेकिन इस समय हवाओं की रफ्तार तटवर्तीय इलाकों में तेज हो सकती है. 

गुजरात के मुख्यमंत्री Vijay Rupani ने प्रभावित जिले के जिलाधिकारियों के साथ तूफान को लेकर बैठक की है.

साइक्लोन को देखते हुए करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और दो विशेष निकासी ट्रेनों को सेवा में लगाया गया है. चक्रवाती तूफान वायु के राज्य में दस्तक देने के साथ इसकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा से ज्यादा होने की संभावना है. इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर 30 ट्रेनों को रद्द कर दिया है.

अरब सागर में #CycloneVayu को देखते हुए, कोकण क्षेत्र के सभी समुद्र तटों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है.

साइक्लोन वायु सौराष्ट्र के तटीय इलाकों से होकर गुजरेगा जिसके कारण Amreli, Gir Somnath, Diu,Junagarh, Porbandar, Rajkot, Jamnagar, Devbhoomi Dwarka & Kutch जिले प्रभावित रहेंगे. 

साइक्लोन वायु सौराष्ट्र के तटीय इलाकों से होकर गुजरेगा जिसके कारण Amreli, Gir Somnath, Diu,Junagarh, Porbandar, Rajkot, Jamnagar, Devbhoomi Dwarka & Kutch जिले प्रभावित रहेंगे. 

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इस आने वाले खतरे को भांपते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है. लोगों की मदद के लिए NDRF की टीम पहले ही मुस्तैद है. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.

ये हैं हेल्पलाइन नंबर्स-

  • NDRF Helpline Number-91-9711077372
  • जामनगर कंट्रोल रूम नंबर: 0288-2553404
  • द्वारका कंट्रोल रूम नंबर: 02833-232125
  • पोरबंदर कंट्रोल रूम नंबर: 0286-2220800
  • दाहोद कंट्रोल रूम नंबर: 02673-239277
  • नवसारी कंट्रोल रूम नंबरः 02637-259401
  • पंचमहल कंट्रोल रूम नंबर: +912672242536
  • छोटा उदयपुर कंट्रोल रूम नंबर: +912669233021
  • कच्छ कंट्रोल रूम नंबर: 02832-250080
  • राजकोट कंट्रोल रूम नंबर: 0281-2471573
  • अरावली कंट्रोल रूम नंबर: +912774250221

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ऐसे तय होता है तूफान का नाम

विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन ने सबसे पहले चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की शुरुआत की थी. भारत में यह प्रथा साल 2004 से शुरू हुई. भारत के साथ-साथ श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया. इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार इन चक्रवाती तूफानों के नाम रखे जाते हैं.

इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है. इसमें भारत ने 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए. वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए. इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.