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Vayu Cyclone: साइक्लोन वायु का असर दिखना शुरू, गुजरात के तटीय इलाकों में बहने लगी तेज हवाएं

साइक्लोन वायु को देखते हुए एनडीआरएफ की 52 टीमें, एसडीआरएफ की 9, एसआरपी की 14 कंपनियां, 300 मरीन कमांडो और 9 हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं.

Updated on: 13 Jun 2019, 08:28 AM

highlights

  • आज साइक्लोन वायु (VayuCyclone) गुजरात के तटवर्तीय इलाकों से टकरा सकता है.
  • जिला प्रशासन और एनडीआरएफ ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.
  • इस आने वाले खतरे को भांपते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है. 

नई दिल्ली:

Vayu Cyclone: साइक्लोन 'वायु' भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, आज साइक्लोन वायु (VayuCyclone) गुजरात के तटवर्तीय इलाकों से टकरा सकता है. इस साइक्लोन से टकराते ही गुजरात के तटवर्ती इलाके में 50-60 किलोमीटर से लेकर 70 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलेगी और 13 जून को इसकी रफ्तार अरब सागर से सटे उत्तरी इलाके में 150 किलोमीटर से लेकर 180 किलोमीटर हो जाएगी. एनडीआरएफ की 52 टीमें, एसडीआरएफ की 9, एसआरपी की 14 कंपनियां, 300 मरीन कमांडो और 9 हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं.

साइक्लोन को देखते हुए करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और दो विशेष निकासी ट्रेनों को सेवा में लगाया गया है. चक्रवाती तूफान वायु के राज्य में दस्तक देने के साथ इसकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा से ज्यादा होने की संभावना है. इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर 30 ट्रेनों को रद्द कर दिया है.

अरब सागर में #CycloneVayu को देखते हुए, कोकण क्षेत्र के सभी समुद्र तटों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है.

साइक्लोन वायु सौराष्ट्र के तटीय इलाकों से होकर गुजरेगा जिसके कारण Amreli, Gir Somnath, Diu,Junagarh, Porbandar, Rajkot, Jamnagar, Devbhoomi Dwarka & Kutch जिले प्रभावित रहेंगे. 

साइक्लोन वायु सौराष्ट्र के तटीय इलाकों से होकर गुजरेगा जिसके कारण Amreli, Gir Somnath, Diu,Junagarh, Porbandar, Rajkot, Jamnagar, Devbhoomi Dwarka & Kutch जिले प्रभावित रहेंगे. 

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इस आने वाले खतरे को भांपते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है. लोगों की मदद के लिए NDRF की टीम पहले ही मुस्तैद है. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.

ये हैं हेल्पलाइन नंबर्स-

  • NDRF Helpline Number-91-9711077372
  • जामनगर कंट्रोल रूम नंबर: 0288-2553404
  • द्वारका कंट्रोल रूम नंबर: 02833-232125
  • पोरबंदर कंट्रोल रूम नंबर: 0286-2220800
  • दाहोद कंट्रोल रूम नंबर: 02673-239277
  • नवसारी कंट्रोल रूम नंबरः 02637-259401
  • पंचमहल कंट्रोल रूम नंबर: +912672242536
  • छोटा उदयपुर कंट्रोल रूम नंबर: +912669233021
  • कच्छ कंट्रोल रूम नंबर: 02832-250080
  • राजकोट कंट्रोल रूम नंबर: 0281-2471573
  • अरावली कंट्रोल रूम नंबर: +912774250221

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ऐसे तय होता है तूफान का नाम

विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन ने सबसे पहले चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की शुरुआत की थी. भारत में यह प्रथा साल 2004 से शुरू हुई. भारत के साथ-साथ श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया. इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार इन चक्रवाती तूफानों के नाम रखे जाते हैं.

इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है. इसमें भारत ने 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए. वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए. इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.