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Coronavirus के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने आगे कठिन चुनौतियों के लिए कमर कसी

रत विभिन्न राज्यों में प्रभावित रोगियों के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था करने, वेंटिलेटरों की खरीद बढ़ाने और किसी भी स्थिति से निटपने के लिए रेलवे और सशस्त्र बलों के संसाधनों का इस्तेमाल करने सहित कई उपाय कर रहा है.

Updated on: 28 Mar 2020, 07:31 PM

दिल्ली:

कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक संचार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) स्तर तक पहुंचने के खतरे के बीच भारत विभिन्न राज्यों में प्रभावित रोगियों के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था करने, वेंटिलेटरों की खरीद बढ़ाने और किसी भी स्थिति से निटपने के लिए रेलवे और सशस्त्र बलों के संसाधनों का इस्तेमाल करने सहित कई उपाय कर रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत निर्माण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. दे

देश में अभी तक कोरोना वायरस के 873 मामले सामने आए हैं और इससे 19 लोगों की मौत हो चुकी है. भले ही स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कहते रहे हों कि अभी तक सामुदायिक स्तर पर इसके प्रसार का ‘‘कोई ठोस साक्ष्य’’ नहीं है लेकिन सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे में तेजी लाना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत में मंगलवार की रात से ही 21 दिनों का बंद है.

केंद्र ने राज्यों को भेजी अत्यावश्यक सूचना के तहत उन्हें केवल कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अस्पताल चिह्नित करने को कहा है और मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए कहा गया है. कम से कम 17 राज्यों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है. कोविड-19 रोगियों को उपचार मुहैया कराने के लिए सशस्त्र बलों ने सेना के 28 अस्तपालों को तैयार रखा है. इसके अलावा पांच अस्तपाल संक्रमण से पीड़ित लोगों की जांच में लगे हुए हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर बनाने का काम दिया गया है जबकि प्रतिष्ठित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला डीआरडीओ चिकित्साकर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरण के निर्माण में लगा हुआ है और रोगियों की देखभाल में लगे विभिन्न एजेंसियों को सैनिटाइजर और मास्क की आपूर्ति कर रहा है. सरकार ने शुक्रवार को सेना के विभिन्न कोर और डिविजनल कमांडरों को आपातकालीन वित्तीय शक्तियां प्रदान कीं ताकि प्रभावित लोगों के लिए चिकित्सा और पृथक इकाइयों का गठन किया जा सके.

रेलवे ने कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज के लिए गैर वातानुकूलित कोच को पृथक वार्ड में तब्दील कर एक प्रोटोटाइप बनाया है. रेलवे ने बताया कि अगर इसे अगले कुछ दिनों में मंजूरी मिल जाती है तो रेलवे का हर जोन प्रति सप्ताह दस कोच वाला ऐसा एक रेक बनाएगा. प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सकों ने शुक्रवार को आशंका जताई कि अगर लोगों ने बंद और क्वारंटाइन के नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया तो संक्रमण के तीसरे चरण में पहुंचने का खतरा है.

ज्यादा संख्या में मामलों से निपटने के प्रयास के तहत केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में पृथक केंद्र बनाने के लिए कुछ बिस्तर रिजर्व रखे जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि जिन रोगियों की हालत स्थिर है उन्हें जल्द से जल्द छुट्टी दी जाए.