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कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए RML अस्पताल के डॉक्टर और नर्स, किए गए क्वारन्टीन

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर और नर्स कोरोना पेशेंट के संपर्क में आ गए हैं. डॉक्टर, नर्स और कुछ मरीजों को क्वारन्टीन किया गया है.

Updated on: 29 Mar 2020, 11:19 PM

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना का कहर जारी है. अलग-अलग राज्यों से कोरोना पॉजिटिव मिलने का सिलसिला जारी है. कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए डॉक्टर्स और नर्स दिन रात जुटे हुई हैं. इस बीच खबर आ रही हैं कि दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर और नर्स कोरोना पेशेंट के संपर्क में आ गए हैं. डॉक्टर, नर्स और कुछ मरीजों को क्वारन्टीन किया गया है.

रविवार को देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित 23 नए मरीजों की पहचान हुई है. इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस के 72 मरीज हो चुके हैं.

गुजरात और यूपी में कोरोना केस आना जारी

गुजरात में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के आठ नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है. उत्तर प्रदेश के मेरठ में आज नए 8 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. जबकि नोएडा में 5 केस मिले हैं. उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 50 से ज्यादा हो गई है.

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महाराष्ट्र में कोरोना पॉजिटिव हुए 203

महाराष्ट्र में आज कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले 200 के पार पहुंच गए हैं. अकेले महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के अब तक 203 पॉजिटिव केस हो चुके हैं.

केरल में आज सामने आए 20 कोरोना पॉजिटिव

बिहार (bihar) में कोरोना वायरस के 4 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही बिहार में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 15 हो गए हैं. केरल में 20 नए केस आए. यहां पर अभी तक 202 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इसी तरह अलग-अलग राज्यों में भी कोरोना संक्रमित मिलना जारी है.

मजदूरों का पलायन अब भी है जारी 

इस बीच मजदूरों का पलायन जारी है. केंद्र और राज्य सरकार के अनुरोध के बावजूद लोग अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं. लेकिन कुछ के लिए बिहार में उनके ही गांव के दरवाजे बंद हैं, तो पश्चिम बंगाल में कुछ को पेड़ों को अस्थायी घर बनाना पड़ा, वहीं केरल में विरोध व्यक्त करने के लिये सैकड़ों लोग राहत शिविर छोड़ सड़कों पर आ गए. देश के अलग-अलग इलाकों से आई ये खबरें एक जैसे लोगों -प्रवासी मजदूरों- से जुड़ी हैं. पकड़े जाने पर अधिकारियों द्वारा पृथक रहने के लिये भेजे जाने के जोखिम के बावजूद हजारों प्रवासी कामगार अब भी पैदल ही राजमार्ग और रेल की पटरियों के सहारे अपने गांव लौटने की जद्दोजहद में जुटे हैं.

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कोविड-19 (COVID-19) महामारी ने भारत में एक नए तरह का संकट पैदा कर दिया है, यह संकट राजधानी समेत देश के विभिन्न इलाकों से प्रवासी कामगारों के सामूहिक पलायन से पैदा हुआ है. कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी बंद के कारण बेरोजगार और बेघर हुए ये लोग अब अपने गृह नगर और गांव जाने के लिये निकल पड़े हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मध्य प्रदेश स्थित अपने गृह नगर के लिये पैदल ही निकल पड़े एक कामगार की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जबकि बहुत से लोगों को यह डर सता रहा है कि किसी बीमारी के कारण मौत से बहुत पहले ही भूख उनकी जान ले लेगी.

केंद्र ने राज्य सरकारों को दिए ये निर्देश 

बड़े पैमाने पर हो रहे इस पलायन से चिंतित केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (बंद) के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने को कहा है. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14 दिन के लिए पृथक केंद्र भेजा जाएगा.

राज्य सरकारों ने भी प्रवासी कामगारों से जहां हैं, उनसे वहीं रहने का अनुरोध करते हुए भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये विशेष उपायों की घोषणा की है.

(इनपुट भाषा)