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इंसान से इंसान में फैल रहा कोरोना वायरस, ऐसे करें बचाव तो नहीं होंगे बीमार

चीन में डॉक्टरों ने यह माना है कि इस बीमारी के इंसान से इंसान में ट्रांसफर होते हैं. जैसे-जैस इस वायरस के मामले दुनिया के अलग-अलग देशों और शहरों से सामने आ रहे हैं, लोगों के बीच इसे लेकर डर बढ़ने लगा है.

Updated on: 29 Jan 2020, 10:56 AM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस ने चीन में 132 लोगों की जान ले ली है. वहीं 7 हजार से अधिक लोहों में इसके लक्षण दिखाई दिए हैं. धीरे-धीरे कोरोना वायरस भारत में बढ़ने लगा है. दिल्ली, मुंबई, जयपुर, पटना के बाद उज्जैन में भी इसके मरीज सामने आ चुके हैं. अब इस डर की जद में वे लोग भी हैं, जो नॉनवेज और सी-फूड्स नहीं खाते हैं. चीन में डॉक्टरों ने यह माना है कि इस बीमारी के इंसान से इंसान में ट्रांसफर होते हैं. जैसे-जैस इस वायरस के मामले दुनिया के अलग-अलग देशों और शहरों से सामने आ रहे हैं, लोगों के बीच इसे लेकर डर बढ़ने लगा है. यही वजह है कि लोग पब्लिक प्लेस पर जाने में डरने लगे हैं और अगर जा भी रहे हैं तो मास्क पहनना बेहतर समझ रहे हैं.

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हाल ही में कनाडा में भी कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज मिला है. इसके बाद से ही वहां लोग बाहर निकलने से पहले सर्जिकल मास्क पहनने लगे हैं. कुछ इसी तरह का नजारा देश में देखने को मिल रहा है. पब्लिक प्लेस के अलावा मेट्रो और लोकल ट्रेन में भी लोग मास्क पहने नजर आ रहे हैं. अब सवाल उठ रहा है कि क्या ये मास्क कोरोनो वायरस से लोगों को बचा सकते हैं?

डॉक्टों का क्या है मानना?
इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ मास्क के सहारे बचाव करना सही नहीं है. बड़े स्तर पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति के लिए मास्क कोरोना वायरस से सेफ्टी की गारंटी नहीं हो सकता. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल सही जगह और सही वक्त पर किया जा रहा है या नहीं. डॉक्टरों का कहना है कि हॉस्पीटल में भी डॉक्टर और नर्स मरीज के अलावा उनके तीमारदीरों से घिरे रहते हैं. इस स्थिति में सर्जिकल मास्क उन्हें बचाता करता है लेकिन सर्जिकल मास्क पहनकर स्ट्रीट या पब्लिक प्लेस में घूमना और बचाव की उम्मीद करना एक-दम अलग बात है. डॉक्टरों के मुताबिक यह मास्क दो तरफ से लगभग खुला होता है और इस तरह के वायरस से बचाने में यह पूरी तरह कारगर है, ऐसा कहना ठीक नहीं होगा.

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N95 रेस्पिरेटर मास्क हो सकते हैं कारगर
डॉक्टरों का मानना है कि N95 रेस्पिरेटर मास्क इस बीमारी के बचाव के लिए कुछ हद तक कारगर साबित हो सकते हैं. यह सर्जिकल मास्क की तुलना में अधिक मोटे फैब्रिक से बने होते हैं. इसके अलावा यह चेहरे को पूरी तरह से ढंग भी लेते हैं. यह सामान्य वायरस से बचाव के लिए काफी असरदायक होते हैं. हालांकि अभी तक इसके कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आए हैं कि यह मास्क कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है या नहीं.

ऐसे फैसले हैं वायरस
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस से पीड़ित किसी व्यक्ति के खांसने और छींकने से इसके वायरस दूसरे लोगों तक पहुंचते हैं. इसके अलावा किसी पीड़ित के लगातार संपर्क में रहने से भी इसके वायरस फैलते हैं.

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ऐसे करें बचाव

- सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और जरूरी हो तो मास्क का उपयोग करें. बाहर से आने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धो लें.
- सार्वजनिक स्थानों पर जाने के दौरान कोई भी सामान छूने, बस ट्रेन में जर्नी करने और लोगों से मिलने के बाद अपने हाथ अपने चेहरे पर ना लगाएं.
- किसी भी तरह की कमजोरी या थकावट महसूस होने पर बाहर न निकलें. हो सके तो घर में ही आराम करें.